Satyendar Jain Bail: दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को जमानत मिल गई है. मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए कहा कि अभी ट्रायल खत्म होने आसार नजर नहीं आते है. 50  हजार के निजी मुचलके पर उन्हें बेल दी गई है. फैसला जब आया उस समय कोर्ट में उनकी पत्नी भावुक हो कर रोने लगीं.


भारत से बाहर यात्रा करने पर रोक


राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कहा कि सत्येंद्र जैन को लंबे समय तक कारावास का सामना करना पड़ा है. मुकदमा जल्द शुरू होने की संभावना नहीं है, पूरा होना तो दूर की बात है. सत्येंद्र जैन जमानत के हकदार है. कोर्ट ने कहा कि वो गवाहों से संपर्क नहीं करेंगे. मुकदमे को प्रभावित नहीं करेंगे और भारत से बाहर यात्रा नहीं करेंगे. 


आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने क्या कहा?


दिल्ली के पूर्व सीएम और आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा, "सत्येंद्र जैन को भी दो साल से ज़्यादा जेल में रहने के बाद बेल मिल गई. इनका कसूर क्या था? इनके यहाँ कई कई बार रेड हुई. एक पैसा भी नहीं मिला. इनका क़सूर सिर्फ़ इतना था कि इन्होंने मोहल्ला क्लिनिक बनाये और दिल्ली के सभी लोगों का पूरा इलाज मुफ्त कर दिया. मोहल्ला क्लिनिक बंद करने के लिए और ग़रीबों का फ्री इलाज रोकने के लिए मोदी जी ने इन्हें जेल में डाल दिया. लेकिन भगवान हमारे साथ है. आज ये भी रिहा हो गए. Welcome back Satyendra!"


पिछले साल स्वास्थ के आधार पर मिली थी जमानत


सत्येंद्र जैन को मई 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था. आप नेता जैन को पिछले साल मई में स्वास्थ्य के आधार पर जमानत मिली थी. वो 10 महीने तक बेल पर रहे थे. हालांकि इस साल मार्च में उनकी नियमित जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, हालांकि कोर्ट ने उन्हें सरेंडर करने के लिए कहा. उन्होंने 18 मार्च को तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था.


पार्टी के लिए भी राहत 


दिल्ली के पूर्व मंत्री को मिली बेल पार्टी के लिए भी राहत की बात है. ये जमानत ऐसे समय में मिली है जब दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज हैं. सत्येंद्र जैन ही जेल में बंद थे. उनके अलावे आप के सभी बड़े नेता जेल से बाहर आ चुके हैं. दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और सांसद संजय सिंह को पहले ही कोर्ट से राहत मिल चुकी है. 


कोर्ट ने सुरक्षित रख लिया था फैसला


ईडी ने उन्हें 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया था. स्पेशल जज राकेश सयाल ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. सत्येंद्र जैन के वकील ने अदालत से कहा था कि उन्हें आगे हिरासत में रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा. ईडी ने आवेदन का विरोध करते हुए कहा था कि रिहा होने पर वो गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. ईडी का मामला 2017 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जैन के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी से सामने आया.


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