Delhi News: दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी का एलान- DBSE से जुड़ेंगे 50 स्कूल ऑफ एक्सीलेंस
DBSE News: शिक्षा मंत्री ने कहा कि की डीबीएसई परीक्षाओं में दिए जाने वाले अंक ग्रेडिंग प्रणाली के आधार पर ही होंगे. इस बार 10वीं की परीक्षा में 1594 और 12वीं की परीक्षा में 672 छात्र शामिल हुए थे.
Delhi News: दिल्ली सरकार द्वारा अपनी शिक्षा व्यवस्था और शिक्षा गुणवत्ता को लेकर एक बेहतरीन मॉडल पेश करने का दावा किया जा रहा है. वहीं दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन के आए परिणाम भी इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि प्राइवेट स्कूल के तर्ज पर दिल्ली के सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था भी बदल रही है. पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन शिक्षा सत्र की शुरुआत 2021 में की गई थी जिसका पाठ्यक्रम दुनिया के नामचीन IB बोर्ड से मिलकर तैयार किया गया है और वर्तमान में इस DBSE से दिल्ली के 20 स्कूल ऑफ एक्सीलेंस संबद्ध हैं लेकिन दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने अब एक बड़ा फैसला लिया है. अब आने वाले सत्र में डीबीएसई से दिल्ली के 50 स्कूल ऑफ एक्सीलेंस एफिलिएट होंगे .
'रट्टा मार नहीं अब गुणवत्ता युक्त शिक्षा पर जोर'
दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने DBSE से जुड़े विषय पर एक बेहद महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए कहा कि DBSE के इस वर्ष के नतीजे देशभर के सीबीएसई बोर्ड स्कूल से ही नहीं बल्कि प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर देखे जा रहे हैं. इसके पीछे साफ वजह है कि हमारे पाठ्यक्रम और परीक्षा लेने के तरीके रट्टा मार पढ़ाई के आधार पर नहीं होते बल्कि अलग-अलग विषयों के अनुसार क्राइटेरिया बेस्ड एसेसमेंट, डूइंग एंड अंडरस्टैंडिंग, कम्युनिकेटिंग, थिंकिंग क्रिटिकली जैसी रूपरेखा से 10-12 की पढ़ाई पूरी कराई जाती है और क्वेश्चन पेपर को तैयार किया जाता है और इस वर्ष मिले एक बेहतर परिणाम को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि आने वाले सत्र में दिल्ली के 50 स्कूल ऑफ एक्सीलेंस को भी DBSE से एफिलिएट कर दिया जाएगा. इस सत्र में DBSE के 1594 छात्र 10वीं की परीक्षा में शामिल हुए थे और 12वीं की परीक्षा में 672 छात्र शामिल हुए थे.
'ग्रेडिंग प्रणाली से दिए जाएंगे अंक'
शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट करते हुए कहा कि DBSE की परीक्षाओं में दिए जाने वाले अंक ग्रेडिंग प्रणाली के आधार पर ही होंगे. हाई स्कूल इंटरमीडिएट की कक्षाओं में शिक्षा व्यवस्था के अनुरूप छात्रों पर अतिरिक्त दबाव होता है और इस दौरान गुणवत्ता युक्त शिक्षा और उनकी परीक्षाओं के बजाय रट्टा मार पढ़ाई का अधिक प्रभाव देखा जाता है लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा इस बोर्ड में विज्ञान, गणित तकनीक सहित अन्य क्षेत्रों में छात्रों के कौशल विकास को प्राथमिकता दी जाएगा ना कि सिर्फ अंक को.
यह भी पढ़ें:
Delhi: बारापुला कॉरिडोर के तीसरे चरण का काम शुरू, एम्स से मयूर विहार जाना होगा आसान