नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट ने दिल्ली में चार जिला सैनिक बोर्ड स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. राजस्व विभाग की तरफ से चार जिला सैनिक बोर्ड स्थापित करने का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा गया. राज्य सैनिक बोर्ड के तहत दिल्ली में यह चारों जिला सैनिक बोर्ड साउथ-वेस्ट दिल्ली, ईस्ट दिल्ली, नार्थ-वेस्ट दिल्ली और सेंट्रल दिल्ली में खोले जाएंगे. चारों सैनिक बोर्ड पर हर साल करीब 16 करोड़ रुपये खर्च होंगे. राज्य और जिला सैनिक बोर्ड पर होने वाले कुल खर्च में से 40 फीसद हिस्सा दिल्ली सरकार वहन करेगी. देश की सशस्त्र सेनाओं के सेवारत सैनिक, उनके परिजन, रिटायर सैनिक, शहीदों की विधवाओं और उनके आश्रितों के कल्याण, रोजगार, पुनर्वास, शिक्षा और अन्य लाभकारी योजनाओं को सुचारु रूप से उन तक पहुंचाने का कार्य जिला सैनिक बोर्ड करता है.


क्या काम करता है जिला सैनिक बोर्ड


सेवानिवृत्त सैनिकों के परिवारों के कल्याण की निगरानी और उन्हें स्थानीय प्रशासन अथवा रक्षा अधिकारियों के साथ उनके मामलों को प्रतिनिधित्व करने में सहायता प्रदान करना, रोजगार समस्या से लेकर अन्य समस्याओं को निपटारा करवाना, पेंशन की समस्याओं को हल कराने में मदद करना, भूमि संबंधी विवाद, परिवार की देखरेख, चिकित्सा, न्यायालय संबंधी मामलों में सहायता पहुंचने का कार्य जिला सैनिक बोर्ड करता है.


दिल्ली सरकार के मुताबिक बीते दिनों में सेवानिवृत्त सैनिकों की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन, संयुक्त परिवार का टूटना, रोजगार बाजार में कड़ी प्रतिस्पर्धा, जीवन यापन की लागत में वृद्धि और दवाओं और स्कूली शिक्षा सुविधाओं के प्रावधान की प्रणालीगत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए बढ़ती चुनौतियों से निपटने के लिए संगठन को पुनर्जीवित करने की जरूरत है.


इनके गठन से क्या फायदा होगा


दिल्ली में राज्य सैनिक बोर्ड होने की वजह से इन सेवानिवृत्त सैनिकों और उनके परिजनों को समस्याओं से निपटने में काफी दिक्कत होती है. इसे देखते हुए दिल्ली में चार जिला सैनिक बोर्ड बनाने का निर्णय लिया गया है. इससे उनकी समस्याओं को काफी हद तक कम किया जा सकेगा.


राज्य सैनिक बोर्ड में आने वाले अधिकांश कर्मचारी वृद्ध हैं. वो स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं. इसलिए चार जिला सैनिक बोर्ड की स्थापना से न केवल राज्य सैनिक बोर्ड दिल्ली में समस्याओं का सामना कर रहे सभी बुजुर्गों को सहायता मिलेगी, बल्कि सरकार इन कर्मियों की जरूरतों को अधिक कुशलता और प्रभावी ढंग से पूरा करने में भी सक्षम होगी.


प्रस्ताव के मुताबिक जिन जिलों में साढ़े 7 हजार से अधिक सेवानिवृत्त सैनिकों की संख्या है, वहां पर राज्य सरकार को अधिकार है कि वो जिला सैनिक बोर्ड की स्थापना कर सकती है. स्थापित होने वाले जिला सैनिक बोर्ड में कुल 11 अधिकारियों और कर्मचारियों को नियुक्त करने का प्रावधान है.


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