Delhi News: दिल्ली को जल्द ही चौथी जेल मिलेगी. नरेला में अधिक जोखिम वाले कैदियों को रखने के लिए केंद्र सरकार की ओर से जेल परिसर बनाने के लिए 120 करोड़ रुपये आवंटित किए गए. एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि ये जेल अंडमान निकोबार द्वीप समूह की सेलुलर जेल की तर्ज पर होगी. इस परियोजना के पीछे यह विचार सुनिश्चित करना है कि वे कैदी जो देश के खिलाफ किए गए अपराधों के कारण जेल में हैं, अलग-थलग रहें. हालांकि तिहाड़, रोहिणी और मंडोली में अन्य तीन जेलों में अलग रखने की सुविधा है, नए जेल परिसर में केवल ऐसे कैदियों को रखा जाएगा जो समाज के लिए खतरा हैं. इस मामले के जानकार एक अधिकारी ने ये बात कही.
केंद्र सरकार जेल के निर्माण के लिए देगी 120 करोड़ रुपये
उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय इस जेल परिसर के निर्माण के लिए 120 करोड़ रुपये आवंटित करेगा. उन्होंने कहा कि परियोजना के लिए आगामी बजट में दिल्ली सरकार से भी पैसा मांगा जाएगा. अधिकारी ने कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने नरेला में जेल के लिए जमीन आवंटित की है. एक मोटे आकलन के मुताबिक, जेल में 250 सेल होंगे और इसे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर स्थित सेलुलर जेल की तर्ज पर बनाया गया है.
आतंकवादी और गैंगस्टर रहेंगे इस जेल में लेकिन रहेगी एक फैक्ट्री भी
अधिकारियों के अनुसार, जेल में योग जैसी सुधारात्मक सुविधाएं भी होंगी, एक ऐसी फैक्ट्री भी होगी जहां कैदी खुद को कुछ चीजें बनाने में व्यस्त रख सकते हैं."जेल का उद्देश्य एक सुधार केंद्र के रूप में काम करना है.इस जेल में भले ही आतंकवादी और गैंगस्टर रहेंगे लेकिन इसमें योग जैसी सुविधाएं होंगी. अधिकारी ने कहा कि हम जल्द ही ऐसी और गतिविधियों की योजना तैयार करेंगे. हालांकि, उन्होंने कहा कि परियोजना शुरुआती चरण में है और केंद्र से पैसा आने के बाद परियोजना पर काम तेजी से होगा.
बाहरी दुनिया से यहां अलग-थलग रहेंगे कैदी
यह पूछे जाने पर कि क्या नई जेल में अन्य पड़ोसी राज्यों के हाई-प्रोफाइल कैदी भी होंगे, अधिकारी ने कहा कि प्राथमिकता दिल्ली की जेलों में बंद कैदियों को रखने की है, लेकिन अगर हमें कोई अनुरोध या कुछ निर्देश मिलते हैं, तो इसका पालन करना होगा. जेल की सुरक्षा सुविधाओं में सीसीटीवी कैमरे, चौबीसों घंटे निगरानी, कैदियों के बीच ज्यादा बातचीत न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए आइसोलेशन रूम, ऊंची दीवारें और बेहतर तकनीक के मोबाइल जैमर शामिल होंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कैदियों को बाहरी दुनिया की भनक तक न लगे.
तीनों जेलों में हैं क्षमता से अधिक कैदी
दिल्ली में तीन जेल परिसर हैं, अर्थात् तिहाड़, रोहिणी और मंडोली. इन सभी में सेंट्रल जेल शामिल हैं. तिहाड़ को दुनिया के सबसे बड़े जेल परिसरों में से एक माना जाता है, जिसमें नौ केंद्रीय जेल शामिल हैं, इसमें 5,200 कैदियों को रखने की क्षमता है, लेकिन फिलहाल में इसकी विभिन्न केंद्रीय जेलों में 13,183 कैदी बंद हैं.मंडोली में छह केंद्रीय जेल हैं, इसकी क्षमता 1,050 कैदियों क है लेकिन अभी 2,037 कैदी वहां रह रहे हैं. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, रोहिणी में केवल एक सेंट्रल जेल है, जिसकी क्षमता 3,776 है, लेकिन वहां 4,355 कैदी बंद हैं. इन जेलों में बंद अधिक जोखिम वाले कैदियों में ओलंपिक रजत पदक विजेता सुशील कुमार, ठग सुकेश चंद्रशेखर और कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक शामिल हैं.
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