Delhi: हिंदू विरोधी नीतियों के खिलाफ केजरीवाल के घर पर साधु-संतों का बवाल, BJP नेता भी प्रदर्शन में शामिल
Delhi News: केजरीवाल सरकार की हिंदू विरोधी नीतियों का लंबे समय से विरोध कर रहे साधु-संतों ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अपमान अब और ज्यादा बर्दाश्त नहीं कर सकते.
Sadhu Saint Protest Against Kejriwal Government: एक तरफ सुबह से बीजेपी का प्रचंड प्रदर्शन आप के दफ्तर पर सुबह से जारी है तो दूसरी तरफ मंदिर पुजारी प्रकोष्ठ की ओर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के घर के बाहर साधु-संतों (Sadhu Saints Protest) ने बवाल खड़ा कर दिया है. बीजेपी मंदिर पुजारी प्रकोष्ठ से जुड़े साधु संत चांदगीराम अखाड़े पर भारी संख्या नें पुजारी मौजूद हैं प्रदर्शन कर रहे हैं. साधु-संतों का कहना है कि वक्फ बोर्ड को देने के लिए केजरीवाल सरकार के पास 100 करोड़ हैं और मौलवियों को देने के लिए 9 करोड़ रुपए, लेकिन हिंदू पुजारियों को देने के लिए कुछ भी नहीं है. प्रदर्शन में शामिल साधु-संतों का कहना है कि आज सिर्फ केजरीवाल को चेतावनी देने के लिए आए हैं.
इसके अलावा साधु-संतों ने कहा कि राम लीला मैदान से अगर हम केजरीवाल को उठा सकते हैं तो हम तब तक प्रदर्शन करेंगे, जब तक हमें वेतन नहीं मिल जाएगा. हजारों की संख्या में पुजारी यहां चांदगीराम अखाडे़ इलाके में मौजूद हैं. इस प्रदर्शन में बीजेपी के बड़े नेता भी शामिल हैं. खास बात यह है कि दिल्ली बीजेपी कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, सांसद मनोज तिवारी और सांसद रमेश बिधूड़ी भी पुजारियों को समर्थन देने के मकसद से प्रदर्शन में शामिल हैं.
#WATCH | Delhi: Priests hold protest over their monthly salaries outside the residence of Delhi CM Arvind Kejriwal. BJP leaders present at the spot of the protest. pic.twitter.com/Vk9UPLrTmN
— ANI (@ANI) February 7, 2023">
दिल्ली सरकार को दी इस बात की चेतावनी
सीएम अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर जारी प्रदर्शन में साधु-संत भारी संख्या में मौजूद हैं. साधु-संतों के हाथों में भगवा झंडा है. साथ ही भगवा वस्त्र में हजारों की संख्या में आए पुजारियों का कहना है कि आज तो सिर्फ चेतावनी देने आए हैं. अगर दिल्ली सरकार नहीं जागी तो अब आने वाले दिनों में पूरे दिल्ली के सभी पुजारी प्रदर्शन करेंगे.
हिंदुओं का अपमान बर्दाश्त के काबिल नहीं
बता दें कि सात जून 2022 को भी दिल्ली में साधु-संतों में केजरीवाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था. हिंदू संगठनों ने दिल्ली सरकार द्वारा मौलानाओं को दी जाने वाली पेंशन और वेतन के खिलाफ प्रदर्शन किया था. दिल्ली के संत केजरीवाल सरकार की हिंदू विरोधी नीतियों का विरोध लंबे अरसे से कर रहे हैं. दिल्ली मंदिर पुजारी प्रकोष्ठ से जुड़े लोगों ने उस समय कहा था कि साधु-संतों का अपमान और मौलानाओं का सम्मान अब बर्दाश्त के काबिल नहीं है. दरअसल, दिल्ली में दूसरी बार सत्ता में आने के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार ने मस्जिदों के मौलना को सैलरी और पेंशन का प्रस्ताव पारित किया था. दिल्ली की केजरीवाल सरकार उसके बाद से मौलानाओं को सैलरी दे रही है. साल 2019 में सैलरी बढ़ाया गया. जनवरी 2019 में दिल्ली वक्फ बोर्ड ने मस्जिदों के इमामों की सैलरी बढ़ाने का ऐलान किया था. दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अमानतुल्लाह खान ने बोर्ड के एक कार्यक्रम में मस्जिदों के इमामों की सैलरी बढ़ाने का एलान किया था. इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी मौजूद थे. मौलाना की सैलरी दस हजार से बढ़ाकर 18000 और मुअज्जिन की सैलरी 9000 से बढ़ाकर 16 हजार कर दी थी.
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