The Indian School Bomb Threat: दिल्ली (Delhi) की डिफेंस कॉलोनी (Defense Colony) में स्थित 'द इंडियन स्कूल' में बुधवार (12 अप्रैल) को सुबह बम होने को लेकर एक ई-मेल मिलने के बाद पुलिस ने संस्थान को खाली करा दिया और गहन जांच की. इस दौरान छात्रों और अभिभावकों में दहशत फैल गई. हालांकि, कई घंटे की गहन जांच के बाद पुलिस ने इसे ‘अफवाह’ करार दिया. इससे पहले दिन में, पुलिस ने बताया कि बम निरोधक दस्ता और अन्य एजेंसियों ने ​​विस्फोटक पदार्थ की तलाश के लिए द इंडियन स्कूल का निरीक्षण किया. स्कूल के छात्र और अभिभावक घबराए हुए थे.


दिल्ली के द इंडियन स्कूल में बम होने की खबर की 10 बड़ी बातें



  • 'द इंडियन स्कूल' में बम होने को लेकर ई-मेल सुबह करीब 10 बजकर 49 मिनट पर प्राप्त हुआ था. इसके बाद पुलिस ने संस्थान को खाली करा दिया और गहन जांच की.

  • बम निरोधक दस्ता और अन्य एजेंसियों ने ​​विस्फोटक पदार्थ की तलाश के लिए द इंडियन स्कूल’ का निरीक्षण किया. इस दौरान स्कूल के छात्र और अभिभावकों में दहशत फैल गई.

  • स्कूल प्रशासन ने छात्रों के माता-पिता को एक संदेश भेजा और उसमें लिखा, 'प्रिय अभिभावक, यह आपसे अनुरोध है कि कृपया प्राप्त निर्देशों/सूचना के अनुसार अपने बच्चे/बच्चों को लेने के लिए तत्काल स्कूल आएं. सभी अभिभावकों से अनुरोध है कि बच्चों को लेते समय कृपया घबराएं नहीं.'

  • कई घंटे की गहन जांच के बाद पुलिस ने बम होने की खबर को ‘अफवाह’ करार दिया.

  • स्कूल की प्रधानाध्यापिका तानिया जोशी ने बताया कि आज सुबह स्कूल में बम होने की धमकी भरा ईमेल मिला. तुरंत सभी सुरक्षा संबंधी प्रोटोकॉल का पालन किया गया और सभी बच्चों और कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.

  • एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि बीआरटी रोड पर स्थित ‘द इंडियन स्कूल’ से जुड़े बृजेश नाम के व्यक्ति ने उन्हें उस ईमेल की जानकारी दी, जिसमें स्कूल परिसर में बम होने की बात कही गई थी.

  • पुलिस ने बताया कि स्कूल को पिछले साल नवंबर में भी ऐसा ही एक ईमेल मिला था.

  • पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) चंदन चौधरी ने बताया कि हमने अपने बम निरोधी दस्ते को तैनात किया और स्पेशल सेल और स्पेशल ब्रांच को भी सूचित किया. विशेष हथियार और रणनीति (स्वाट) टीम ने भी परिसर के अंदर तलाशी ली.

  • चंदन चौधरी ने बताया कि पुलिस ने तीन बार तलाशी अभियान चलाया. उन्होंने कहा, ‘‘हम ई-मेल के स्रोत की तलाश कर रहे हैं. पिछले साल नवंबर में स्कूल को इसी तरह का एक मेल मिला था, जो एक जर्मन सर्वर के जरिए भेजा गया था.

  • पांचवी कक्षा में पढ़ने वाले एक छात्र ने बताया कि उसे और उसके सहपाठियों को स्कूल भवन से निकालकर मैदान में लाया गया. एक अन्य छात्र ने बताया, ‘‘हमें दोपहर के भोजन से पहले ही घर जाने के लिए कहा गया था। हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई कि हमें क्यों निकाला गया.


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