कोविड केसेस कम होने के बाद दिल्ली समेत और भी कई राज्यों जैसे यूपी, बिहार और पंजाब में आज से स्कूल खुल गए हैं. इन सभी जगहों पर जहां बड़ी कक्षाओं को शत-प्रतिशत क्षमता के साथ स्कूल बुलाया जा रहा है वहीं प्राइमरी क्लास के लिए हर जगह नियम अलग है. यही नहीं दिल्ली के स्कूलों में कोविड नियमों का ठीक से पालन करने के लिए एक नई योजना पर विचार चल रह है. कोविड के दौरान छात्र दूर-दूर बैठें इसके लिए क्लास का एरिया कैसे बढ़ाया जाए ये सोचा जा रहा है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक क्लास का एरिया बढ़ाने के लिए कई स्कूल अपने यहां की लैब और लाइब्रेरीज को क्लास में बदलने की योजना बना रहे हैं ताकि छात्रों के लिए जगह की कमी न हो.
पचास प्रतिशत क्षमता के नियम का करना है पालन –
दिल्ली में क्लास नौ से बारह के स्कूल खोल दिए गए हैं लेकिन कोविड नियमों का पालन कड़ाई से करना है. इसके साथ ही स्कूल इस ओर भी विचार कर रह हैं कि अगर सभी छात्रों को एक साथ स्कूल आना हो तो उन्हें बैठाने का इंतजाम किस प्रकार किया जा सकता है. ताकी पचास प्रतिशत क्षमता वाले नियम का पालन होता रहे. इसके लिए वे स्कूल की प्रयोगशालाओं और लाइब्रेरीज को क्लास में बदलने की योजना बना रहे हैं.
हाइब्रिड मोड से नाखुश हैं कई स्कूलों के प्रिंसिपल –
दिल्ली के कई स्कूलों में ये योजना चल रही है कि एक बार सीनियर क्लास के छात्र स्कूल आ जाएं उसके बाद ये तय किया जाएगा कि कैसे जूनियर क्लास को स्कूल बुलाना है. इस बीच वहां के कई स्कूलों के प्रिंसिपल हाइब्रिड यानी ऑनलाइन और ऑफलाइन तरीके से क्लास संचालित किए जाने के फैसले से नाखुश हैं.
उनका कहना है कि अगर छात्रों को ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लास में से कोई एक चुनने का विकल्प दिया जाएगा तो इससे छात्रों की उपस्थिति पर विपरित प्रभाव पड़ेगा. संभव है कि कम छात्र फिजिकल क्लास के लिए आएं.
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