Delhi School Opening: दिल्ली में स्कूल खोलने को लेकर माता-पिता के यूनियन का क्या कहना है, जानिए- एलजी से क्या अपील कर रहे हैं
दिल्ली स्कूलों में हाइब्रिड मोड खत्म करने को लेकर प्राइवेट स्कूलों के स्टेकहोल्डर्स ने एलजी को पत्र लिखा है. वहीं पैरेंट्स ग्रुप का कहना है कि स्कूलों को नए सेशन से पूरी तरह खोला जाना चाहिए
Delhi School Opening: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में कोरोना के मामलों में गिरावट होने के बाद स्कूल खोल दिए गए हैं. हालांकि स्कूलों को कोविड नियमों (Covid-19) का पालन करने के साथ हाइब्रिड मोड (Hybrid Mode) में खोला गया है. ऐसे में राजधानी के प्राइवेट स्कूलों के स्टेकहोल्डर्स (Stake Holders) ने बिना किसी नियम और शर्त के स्कूलों को खोलने की मांग की है. हालांकि पैरेंट्स का कहना है कि नए सेशन से पूरी तरह स्विच करना बेहतर होगा.
नेशनल प्रोग्रेसिव स्कूल कॉन्फ्रेंस ने एलजी को पत्र लिखकर क्या अपील की है?
नेशनल प्रोग्रेसिव स्कूल कॉन्फ्रेंस (NPSC) (120 से ज्यादा दिल्ली के स्कूल शामिल हैं) ने गुरुवार को लेफ्टिनेंट गवर्नर (LG) अनिल बैजल (Anil Baijal) को पत्र लिखकर स्कूलों को बिना शर्त फिर से खोलने और ऑनलाइन कक्षाओं को स्थगित करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है. इसके साथ ही इसमें कहा गया है कि शारीरिक कक्षाओं में बच्चों की अनुपस्थिति ने पढ़ने और लिखने की स्किल पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है खासकर प्राथमिक कक्षाओं में.
स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन ने ऑनलाइन लर्निंग बंद करने की मांग की है
बता दें कि राजधानी में इस महीने की शुरुआत में सभी ग्रेड के छात्रों के लिए स्कूल फिर से खोल दिए गए थे. 4 फरवरी को डीडीएमए के आदेश के अनुसार, स्कूली छात्रों के लिए माता-पिता की सहमति से हाइब्रिड लर्निंग मोड जारी है. वहीं स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन का मानना है कि कोविड की स्थिति में सुधार को देखते हुए ऑनलाइन लर्निंग को अब बंद करने की जरूरत है.
गौरतलब है कि एनपीएससी (NPSC) में सरदार पटेल विद्यालय, बाल भारती पब्लिक स्कूल, स्प्रिंगडेल्स स्कूल, संस्कृति स्कूल, दिल्ली पब्लिक स्कूल जैसे प्रमुख स्कूल शामिल हैं. शारीरिक गतिविधियों को बिना शर्त फिर से खोलने की मांग करते हुए, स्कूल बॉडी ने कहा कि महामारी की वजह से बच्चों की स्किल और क्षमता पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.
एनपीएससी की अध्यक्ष सुधा आचार्य में एलजी भेजे पत्र में ये लिखा है
एनपीएससी की अध्यक्ष सुधा आचार्य में एलजी भेजे पत्र में लिखा है, "पढ़ना और लिखना लर्निंग के प्राथमिक वर्षों में फंडामेंटल स्किल हैं, लेकिन दुख की बात है कि हमारे छात्र पिछले दो वर्षों से इससे वंचित हैं. समय की मांग है कि ओवरऑल डेवलेपमेंट के लिए अधिकतम अवसर प्रदान किए जाएं और स्कूल इसे बनाने के लिए आदर्श स्थान है, ” हालांकि एलजी के ऑफिस से इस पर अभी कोई जवाब नहीं दिया गया है. वहीं सुधा आचार्य ने कहा कि बच्चों की स्कूल में वापसी स्कूलों को संज्ञानात्मक, भावनात्मक, सामाजिक-भावनात्मक और साइकोमोटर डोमेन में उनकी प्रगति को ट्रैक करने की अनुमति देगी. उन्होंने अतिरिक्त बोझ पर भी जोर दिया जो शिक्षकों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों कक्षाओं के कारण झेलना पड़ रहा है.
स्कूल कक्षाएं नए सेशन से हों शुरू- पैरेंट्स एसोसिएशन
वहीं शहर के पैरेंट्स ग्रुप ने कहा कि सेशन पर पूरा होने वाले है ऐसे समय में सभी छात्रों को स्कूल लौटने के लिए मजबूर करने का कोई मतलब नही है. दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने कहा कि, हाइब्रिड कक्षाओं को खत्म करना जल्दबाजी होगी क्योंकि कोविड का खतरा अभी भी बना हुआ है. इसके अलावा कई छात्र या उनके माता-पिता अभी कोविड से पीड़ित हो सकते हैं. ऐसे छात्रों पर जबरदस्ती करना सही नहीं होगा. जो लोग अपने बच्चों को भेजना चाहते हैं, वे पहले से ही ऐसा कर रहे हैं. ” उन्होंने कहा कि स्कूल कक्षाएं फिर से शुरू करने के लिए नए सत्र की शुरुआत तक इंतजार कर सकते हैं.
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