Delhi School Reopen: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में खतरनाक वायु गुणवत्ता के स्तर के कारण दो सप्ताह से अधिक समय से बंद स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान सोमवार यानी आज से फिर से खुल रहे हैं. गौरतलब है कि दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार (24 नवंबर) को शहर में वायु गुणवत्ता के स्तर में सुधार के बाद शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोलने के आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के फैसले की घोषणा की थी.
स्कूल खुलने को लेकर शिक्षा मंत्री ने ट्वीट कर दी थी जानकारी
शनिवार को दिल्ली शिक्षा निदेशालय द्वारा सभी सरकारी, प्राइवेट और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों वे तीनी निगमों और एनडीएमसी सहित दिल्ली कैंट बोर्ड के स्कूलों के लिए सर्कुलर जारी किया गया था. इस सर्कुलर में कहा गया था कि अभिभावक, स्टूडेंट्स और टीचर्स व एसएससी सदस्यों को ये जानकारी दी जाए की सभी स्कूल सोमवार से खुल रहे हैं. इसे लेकर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी ट्वीट किया था, “दिल्ली के सभी स्कूल 29 नवंबर से सभी कक्षाओं के लिए फिर से खुलेंगे.” स्कूलों को कोविड-19 गाइडलाइन्स का पालन करना अनिवार्य है साथ ही इस दौरान ऑनलाइन क्लासेज भी जारी रहेंगी.
13 नवंबर से प्रदूषण के कारण बंद थे स्कूल-कॉलेज
गौरतलब है कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार ने 13 नवंबर को घोषणा की थी कि वायु गुणवत्ता के खतरनाक स्तर को देखते हुए स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों को एक सप्ताह की अवधि के लिए बंद कर दिया जाएगा. इस अवधि के दौरान निर्माण गतिविधियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था और कार्यालयों को यथासंभव घर से काम करने के निर्देश दिये गये थे.
वहीं शुरू में एक सप्ताह के लिए लगाया गये प्रतिबंध को शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के गिरते स्तर के कारण और बढ़ा दिया गया था. इस दौरान स्कूली शिक्षा पूरी तरह से ऑनलाइन मोड पर जारी रही.
दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति बहुत खराब
इस बीच दिल्ली में समग्र वायु गुणवत्ता अभी भी 'बहुत खराब' श्रेणी में बनी हुई है. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) ने कहा है कि 29 और 30 नवंबर को स्थानीय सतही हवाओं के मामूली बढ़ने की संभावना है, जो प्रदूषकों के फैलाव को बढ़ाएगी.
सफर ने कहा है कि 1 दिसंबर से हवा की गति और तापमान में वेंटिलेशन कम होने की संभावना है जिससे हवा की गुणवत्ता में मामूली गिरावट आ सकती है. वहीं कम मिश्रण परत की ऊंचाई प्रदूषकों के कुशल फैलाव को रोक रही है. दिल्ली के PM2.5 में पराली जलाने से संबंधित प्रदूषकों की हिस्सेदारी 3% है.”
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