Shahdara Police Station Completed 110 Years: दिल्ली में मंगलवार (7 जनवरी) को शाहदरा पुलिस स्टेशन ने अपनी स्थापना के 110 साल पूरा किया. 7 जनवरी 1915 को ब्रिटिश शासन के दौरान स्थापित यह थाना न केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, बल्कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम के एक सशक्त साक्षी के रूप में भी जाना जाता है. यह थाना उन स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियों से भरा पड़ा है, जिन्होंने भारत को आजाद कराने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था.
शाहदरा पुलिस स्टेशन का पहला एफआईआर
शाहदरा पुलिस स्टेशन में पहला मामला 7 जनवरी 1915 को दर्ज हुआ था. यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 457 (रात में घर में चोरी की कोशिश) के तहत दर्ज किया गया था. शिकायतकर्ता खजान सिंह, पुत्र रामपाल, ने शिकायत की थी कि रात में सुखदेव माली और उसके साथियों ने उनके घर की पिछली दीवार में छेद कर अंदर घुसने की कोशिश की.
उन्होंने माचिस की रोशनी देखी और जाग गए, तो चोर भाग गए. इस घटना में कोई नुकसान नहीं हुआ. यह पहला मामला आज भी थाने के रिकॉर्ड में दर्ज है और इस बात की याद दिलाता है कि कैसे शाहदरा पुलिस स्टेशन ने 110 साल पहले अपने सफर की शुरुआत की थी.
स्वतंत्रता संग्राम में शाहदरा पुलिस स्टेशन की भूमिका
ब्रिटिश शासन के दौरान शाहदरा पुलिस स्टेशन न केवल एक कानून प्रवर्तन केंद्र था, बल्कि यह स्वतंत्रता सेनानियों के लिए एक प्रताड़ना स्थल भी बन गया. यहां पर कई क्रांतिकारियों को बंदी बनाया गया, पूछताछ की गई और यातनाएं दी गईं. यह थाना उन दिनों का गवाह है जब स्वतंत्रता सेनानी ब्रिटिश शासन के खिलाफ हड़तालें, विरोध प्रदर्शन और भूमिगत आंदोलन चला रहे थे.
उन्हें गिरफ्तार कर यहां लाया जाता था और उनसे क्रांतिकारी गतिविधियों की जानकारी उगलवाने के लिए कठोर पूछताछ की जाती थी. बावजूद इसके इन वीरों ने कभी हार नहीं मानी और अपनी आजादी की लड़ाई जारी रखी.
इतिहास से आधुनिकता तक का सफर
शाहदरा पुलिस स्टेशन केवल ऐतिहासिक महत्व का स्थान नहीं है, बल्कि यह आधुनिक कानून प्रवर्तन का एक प्रमुख केंद्र भी है. समय के साथ इसने अपराध रोकथाम, सार्वजनिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने में अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई है. हालांकि, इस थाने का इतिहास इसे एक साधारण पुलिस स्टेशन से कहीं अधिक महत्वपूर्ण बनाता है. यह उन बलिदानों की याद दिलाता है जो हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने दिए थे.
स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि
इस ऐतिहासिक अवसर पर, हम उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्हें शाहदरा पुलिस स्टेशन में बंदी बनाकर रखा गया था. उनकी कुर्बानियां और साहसिक संघर्ष हमारे दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे. 110 वर्षों का यह सफर केवल शाहदरा पुलिस स्टेशन की उपलब्धियों की कहानी नहीं है, बल्कि यह उन अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों की कहानी है जिन्होंने अपने खून-पसीने से आजादी की नींव रख.
यह थाना आज भी उनकी यादों को सहेजे हुए है और हमें उनके बलिदानों से प्रेरणा लेने की सीख देता है. शाहदरा पुलिस स्टेशन न केवल इतिहास का हिस्सा है, बल्कि एक आधुनिक संस्था के रूप में नागरिकों की सेवा और सुरक्षा के प्रति समर्पित है. इस ऐतिहासिक दिन पर हम इस थाने के गौरवशाली इतिहास को नमन करते हैं और स्वतंत्रता संग्राम के वीर योद्धाओं को सादर स्मरण करते हैं.