UPSC Civil Service Final Result 2021 Topper: संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा 2021 में पहली रैंक लानेवाली श्रुति शर्मा को 2 साल की तैयारी के बाद दूसरे प्रयास में सफलता मिली. उत्तर प्रदेश के बिजनौर की रहनेवाली शर्मा वर्तमान में दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश में माता पिता के साथ रहती हैं. यूपीएससी में टॉप करने पर श्रुति शर्मा का कहना है कि अच्छे नतीजे की उम्मीद थी लेकिन टॉपर बनने का सोचा नहीं था. उन्होंने शानदार सफलता का श्रेय अभिभावकों को दिया है. परिवार के सभी सदस्यों ने हमेशा प्रेरित किया.


श्रुति शर्मा ने दूसरे प्रयास में हासिल की पहली रैंक 


श्रुति शर्मा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेज सेंट स्टीफन से हिस्ट्री ऑनर्स में पढ़ाई की है. मॉडर्न हिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी का रुख किया, लेकिन पहले ही वर्ष में उन्होंने पढ़ाई छोड़कर सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. 25 वर्षीय श्रुति शर्मा ने दूसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा को टॉप किया है. इससे पहले हिंदी मीडियम होने के कारण इंटरव्यू के लिए सिलेक्ट नहीं हो पाई थी, लेकिन दूसरे प्रयास में उन्होंने पूरे भारत में टॉप रैंक हासिल की.


श्रुति शर्मा पिछले 2 वर्षों से यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रही थीं. उन्होंने यूपी कैडर को प्राथमिकता दी है. श्रुति शर्मा की इच्छा महिला सशक्तिकरण और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने की है. समाज में महिलाओं और लड़कियों को सपोर्ट देना पहली प्राथमिकता बताया है. श्रुति शर्मा की मां रचना शर्मा शिक्षिका रह चुकी हैं और पिता सुनील दत्त शर्मा एक आर्किटेक्ट हैं. मां ने एबीपी न्यूज को बताया कि श्रुति हमेशा से पढ़ने में काफी तेज थी.


स्कूल से लेकर कॉलेज स्तर पर हमेशा अच्छे रैंक हासिल करनेवाली श्रुति की काम को अधूरा छोड़ने की आदत नहीं है. श्रुति हर काम को पूरे परफेक्शन के साथ करती है. पिछले बार हिंदी मीडियम होने के कारण श्रुति को थोड़ी परेशानी आई क्योंकि उसने बचपन से इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई की है, लेकिन बावजूद इसके उसने पेपर नहीं छोड़ा और यूपीएससी का एग्जाम दिया. परीक्षा में एक नंबर की वजह से इंटरव्यू के लिए सिलेक्ट नहीं हो पाई. उसने दोबारा पढ़ाई की और इस साल टॉप रैंक हासिल की.


श्रुति की मां ने कहा कि हमने कभी उसे पढ़ने के लिए नहीं कहा. श्रुति खुद ही दिन रात पढ़ाई करती थी. कभी कभी तो उसे पढ़ाई करने के लिए मना करना पड़ता था. उसको खाने-पीने पर भी ध्यान देने की सलाह दी जाती. श्रुति की मां को बेटी की सफलता पर बेहद खुशी है. उन्हें नहीं मालूम था कि बेटी यूपीएससी की परीक्षा में पहली रैंक हासिल करेगी. उसके दादा चाहते थे कि श्रुति एक आईएएस ऑफिसर बने. आज दादा जब ऊपर से देख रहे होंगे तो श्रुति को आशीर्वाद दे रहे होंगे.


नानी भी नातिन की सफलता पर फूले नहीं समा रहीं


श्रुति शर्मा की नानी शांति देवी भी नातिन की कामयाबी पर फूले नहीं समा रही हैं. उनका कहना है श्रुति दिन रात पढ़ाई करती रहती थी. पढ़ाई के अलावा उसे कोई और काम नहीं सूझता था. खाने और सोने के लिए उसे बोलना पड़ता था. उसकी मां हमेशा उसका ध्यान रखती थी. शांति देवी श्रुति शर्मा की मां रचना शर्मा को भी आईएएस ऑफिसर बनाना चाहती थी, लेकिन आर्थिक परिस्थितियों के कारण ऐसा नहीं कर पाई क्योंकि गांव में रहती थी और सिंगल मदर थी. श्रुति शर्मा की मां एमएससी बॉटनी की टॉपर और पढ़ने में काफी होशियार रही हैं.


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जामिया की वीसी बधाई देने खुद पहुंची श्रुति के घर


यूपीएससी में टॉप करने पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया की वाइस चांसलर प्रोफेसर नजमा अख्तर श्रुति शर्मा को बधाई देने घर पहुंची. उन्होंने उनके परिवार को मिठाई खिलाकर श्रुति को बधाई दी. प्रोफेसर नजमा अख्तर ने श्रुति शर्मा की मां को गले लगा कर खुशी जाहिर की. उन्होंने एबीपी न्यूज को बताया कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया के RCA से 23 तेज छात्रों ने यूपीएससी परीक्षा में अलग-अलग रैंक हासिल की है. इसके अलावा यूपीएससी में इस बार 17वीं रैंक हासिल करने वाली महक जैन जामिया के डिपार्टमेंट ऑफ पॉलिटिकल साइंस से एमए, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की छात्रा हैं. श्रुति शर्मा जामिया मिल्लिया इस्लामिया के रेजिडेंशियल कोचिंग अकादमी से पढ़ाई कर रही थीं.


RCA से UPSC के 23 सफल छात्रों में 12 लड़कियां


जामिया की वीसी ने बताया कि आरसीए देश में यूपीएससी कोचिंग के लिए नंबर वन रैंक पर है और कोचिंग से यूपीएससी की तैयारी कर रहे कई छात्र अलग-अलग रैंक हासिल करते हैं, लेकिन पहली बार है जब जामिया के आरसीए से यूपीएससी की तैयारी कर रही श्रुति शर्मा ने पूरे देश में नंबर वन रैंक हासिल की है. हमारे लिए बेहद ही गर्व की बात है. हम छात्रों को पढ़ने के लिए अच्छा माहौल देते हैं. छात्रों पर किसी तरीके की कोई जवाबदेही नहीं होती. निश्चिंत होकर सेंटर में छात्र यूपीएससी की तैयारी कर पाते हैं. उन्होंने बताया कि आरसीए से यूपीएससी के 23 सफल छात्रों में 12 लड़कियां हैं.


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