Delhi News: दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस (Congress) के पूर्व सांसद सज्जन कुमार (Sajjan Kumar) को 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों (1984 Riot) के दौरान एक व्यक्ति की हत्या से संबंधित मामले में बुधवार (20 सितंबर) को बरी कर दिया. इसी संदर्भ में दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की है. 


सज्जन कुमार के साथ दो अन्य आरोपी भी बरी 


विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने सज्जन कुमार के अलावा दो अन्य आरोपी वेद प्रकाश पियाल और ब्रह्मानंद गुप्ता को भी यह कहते हुए बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ हत्या और दंगे के आरोप साबित करने में विफल रहा. न्यायाधीश ने कहा, ‘आरोपी सज्जन कुमार को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया जाता है.' सज्जन कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (धर्म, नस्ल आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), धारा 109 (किसी अपराध के लिए उकसाना), धारा 302 (हत्या) और धारा 147 (दंगा) के तहत मामला दर्ज किया गया था.


दिल्ली हाई कोर्ट ने सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी


31 अक्टूबर, 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी, जिसके बाद दंगे भड़क उठे थे. दंगों से जुड़े एक अन्य मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद सज्जन कुमार फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है. 17 दिसंबर 2018 को दिल्ली हाई कोर्ट ने सज्जन कुमार को दंगे से जुड़े एक मामले में आजीवन जेल में रहने की सजा सुनाई थी. इसके बाद वह कई बार सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी लगा चुके हैं लेकिन हर बार उनकी याचिका खारिज हो चुकी है. 


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