दिल्ली के जलाशयों के पानी की जांच के लिए SWA ने दिया आदेश, प्रदूषण के मानकों पर उतरें खरा
दिल्ली स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी ने राजधानी के सभी जलाशयों में पानी का सैंपल जांचने के आदेश दिए हैं. इससे पता लगाया जा सके कि इन जलाशयों में प्रदूषण के मानकों को पूरा करने के लिए उचित कदम उठाए गए या नहीं.
दिल्ली स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी ने राजधानी के सभी जलाशयों में पानी का सैंपल जांचने के आदेश दिया है. एसडब्ल्यूए का मानना है कि एजेंसियों को जलाशयों से नमूनों का परीक्षण करने के लिए इसलिए कहा है ताकि यह पता लग सके कि इन जलाशयों में सुधारात्मक कार्रवाई के लिए कितने प्रदूषण मानकों को पूरा करने में विफल हुए हैं.
क्योंकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार इन जलाशयों में साल 2019 के अनुसार मासिक रूप से पानी के नमूनों का परीक्षण करना अनिवार्य है. इस तरह की जांच दिल्ली में अंतिम बार मार्च से मई 2020 तक की गई थी. जिसमें 115 जलाशय मिले थे. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अधिकारियों ने कहा कि क्लास डी मानदंड वन्यजीव और मत्स्य पालन के लिए हैं.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने पानी की गुणवत्ता के लिए अलग-अलग श्रेणी बांटी हुई हैं. जिसमें जलाशयों को क्लास डी दी है, जिन्हें 6.5 और 8.5 के बीच पीएच (हाइड्रोजन की क्षमता) की आवश्यकता होती है. वहीं अमोनिया 1.2 मिलीग्राम/लीटर या उससे कम जो जलीय जीवन को बनाए रखने के लिए आवश्यक है.
दिल्ली के वो पार्क जहां चिलचिलाती गर्मी में आप पा सकते हैं राहत
हाल ही में पिछले गुरुवार को दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल के साथ एक बैठक में एसडब्ल्यूए ने कहा कि इस तरह का दूसरा परीक्षण पिछले महीने दिल्ली में शुरू हुआ था. दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने अपने अधिकार क्षेत्र में अब तक 44 जलाशयों का परीक्षण किया है. अधिकारियों की मानें तो सभी जलाशय क्लास डी के पानी की गुणवत्ता के मानदंड को पूरा करते हैं.
देश भर में जलाशयों के लिए सीपीसीबी के दिशानिर्देशों के अनुसार पानी के नमूने हर महीने या साल में कम से कम आठ बार लेने की आवश्यकता होती है. इससे राज्य पानी की गुणवत्ता में बदलाव और उनके कारणों का पता लगााया जाता है.