Delhi Suicide Case: एयरफोर्स जवान ने इमोशनल लेटर में लिखा- 'पूजा फारगिव मी, एक अजनबी के फड़ेब का शिकार हो गया'
Airforce jawan Death News: मृतक की पहचान यूपी के गोरखपुर निवासी अखिलेश्वर मिश्रा के रूप में हुई है. वे प्रधानमंत्री आवास के सामने स्थित एयरफोर्स ऑफिस में जूनियर कमीशन ऑफिसर के पद पर तैनात थे.

Delhi News: राजधानी दिल्ली के दक्षिणी जिला पुलिस महकमे में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब पुलिस को त्यागराज स्टेडियम के पास स्थित एक पार्क में पेड़ से एयरफोर्स में तैनात एक जवान के शव के लटके होने की सूचना मिली. सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए एम्स भेज दिया. मृतक की पहचान यूपी के गोरखपुर निवासी अखिलेश्वर मिश्रा के रूप में हुई है. वे प्रधानमंत्री आवास के सामने स्थित एयरफोर्स ऑफिस में जूनियर कमीशन ऑफिसर के पद पर तैनात थे. रेस कोर्स स्टेशन त्यागराज स्टेडियम स्थित सरकारी आवासीय परिसर में रहते थे.
एयरफोर्स की सम्मानित सरकारी जॉब को पाने का सपना कई युवा देखते हैं, लेकिन इस सपने को पूरा करना इतना कठिन होता है कि हर कोई इस गरिमामयी जॉब को हासिल नहीं कर पाता है. अखिलेश्वर मिश्रा ने कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ एयरफोर्स में जूनियर कमीशन ऑफिसर का पद हांसिल किया, लेकिन उनके साथ कुछ ऐसा घटित हुआ जिससे वे काफी तनाव में रहने लगे और फिर आखिर में उन्होंने अपनी जान खुद ही ले ली.
तनाव में की खुदकुशी
दिल्ली पुलिस की शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि? वे कुछ दिनों पहले एक बड़ी ठगी का शिकार हो गए और उनसे अच्छी खासी रकम ठग ली गई, जिससे वे सदमे में चले गए और इस तनाव से उबर नहीं पाए. उनकी डायरी में उनके द्वारा परिजनों और पत्नी को लिखे गए मैसेज से भी उनके साथ ठगी की पुष्टि हुई.
सुसाइड लेटर में क्या है
रेस कोर्स स्टेशन पर तैनात अखिलेश्वर मिश्रा ने सुसाइड जैसा घातक कदम उठाने से पहले एक इमोशनल लेटर लिखा. उन्होंने अपने सुसाइड लेटर में लिखा है कि किसी पर भरोसा न करें. मैंने गलत किया और खतरे में हूं. अपने पापा को संबोधित करते हुए उन्होंने लिखा है- पापा आप बड़े महान हैं. आप भीतर से और भी विशाल हैं. मां से कहा- रोना मत. मां कोई चिंता मत करना. आप दोनों की इच्छा हो तो मथुरा कर सकते हैं. बेदाग जीवन ही श्रेष्ठ जीवन है. इस घनघोर कलयुगी दुनिया में मैं फिट नहीं हूं. वहीं उन्होंने अपने बच्चों कहा- संघर्ष करके परिश्रम के साथ अच्छा जीवन जीना. पत्नी को लिखा- पूजा फारगिव मी, यू आर आलसो ऑनेस्ट. एक अजनबी के फड़ेब का शिकार हो गया हूं. पूजा बच्चों को अच्छी परवरिश और शिक्षा देना. मुझे मालूम है, तुम इसे निःसंदेह इसे पूरा करोगी. मैंने, तुम्हें बहुत सताया है. हो सके तो माफ करना. लव यू... बैंगलोर की जमीन का फोन व वीडियो से हालचाल लेते रहना. जहां तक हो सके उसे रखना. फोन नंबर मैंने भेजा है.
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