उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने शुक्रवार को तब आश्चर्य व्यक्त किया, जब उसे अवगत कराया गया कि, यहां खान मार्केट (Khan Market) के निकट सुजान सिंह पार्क (Sujan Singh Park) में रहने वाले सरकारी अधिकारियों (Government Officials) की संपत्तियों को खाली कराने के लिए एक निजी फर्म द्वारा बाउंसर (Bouncer) भेजे जा रहे हैं.
कोर्ट ने कहा, भारत सरकार के खिलाफ बाउंसर कैसे भेज सकते हैं?
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ को सूचित किया कि, "सरकारी अधिकारियों को बाउंसर की मदद से सुजान सिंह पार्क के फ्लैट से बाहर निकाला जा रहा है. पीठ ने कहा कि, "वह भारत सरकार के खिलाफ बाउंसर कैसे भेज सकते हैं? इसे अगले सप्ताह उपयुक्त पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करेंगे."
मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध
वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध करते हुए कहा, "एक आदेश दूसरे पक्ष को इसे खाली करने की अनुमति देता है और वह बाउंसर भेज रहे हैं. मुझे खेद है, लेकिन यह काफी असामान्य है क्योंकि वहां सरकारी अधिकारी रह रहे हैं."
दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र को दिया था बकाया किराये का भुगतान का निर्देश
केंद्र ने इस मामले में जनवरी 2020 के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसमें उसे शोभा सिंह एंड संस के बकाया किराए का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था. वहीं शोभा सिंह एंड संस ने इस संबंध में अतिरिक्त किराया नियंत्रक के समक्ष बेदखली याचिका दायर की थी, जहां अतिरिक्त किराया नियंत्रक ने उन्हीं के पक्ष में फैसला सुनाया था.
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