Delhi News: सुप्रीम कोर्ट ने धर्म संसद में हेट स्पीच के Affidavit पर पुलिस को लगाई फटकार, कहा- 'बेहतर हलफनामा दाखिल करें'
सुप्रीम कोर्ट ने धर्म संसद में हेट स्पीच मामले को लेकर दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल हलफनामे पर असंतोष जताया, सर्वोच्च अदालत ने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि दो हफ्ते के भीतर 'बेहतर हलफनामा दाखिल करें'
Delhi News: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली पुलिस (Delhi Police) द्वारा दायर हलफनामे (Affidavit) पर असंतोष व्यक्त किया जिसमें कहा गया था कि पिछले साल दिसंबर में दिल्ली धर्म संसद में कोई हेट स्पीच (Hate Speech) नहीं दी गई थी. वहीं शीर्ष अदालत ने दिल्ली पुलिस को दो सप्ताह के भीतर "बेहतर हलफनामा" दायर करने का निर्देश दिया
जस्टिस एएम खानविलकर और ए एस ओका की बेंच ने दिल्ली पुलिस से पूछा, “हम यह जानना चाहते हैं कि वरिष्ठ अधिकारी इस हलफनामे को दाखिल करने से पहले अन्य पहलुओं की बारीकियों को समझ गए हैं? क्या उन्होंने केवल एक जांच रिपोर्ट का पुनरुत्पादन किया है या अपना दिमाग लगाया है? क्या आप फिर से देखना चाहते हैं?"
दिल्ली पुलिस ने SC में क्या कहा?
वहीं दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उसे अपने हलफनामे पर फिर से विचार करने की जरूरत है और वह एक नया हलफनामा दाखिल करेगी. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से दो हफ्ते के अंदर 'बेहतर हलफनामा' दाखिल करने के लिए कहा है.
दिल्ली पुलिस के हलफनामे में क्या कहा गया था
बता दें कि दिल्ली पुलिस द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामें में कहा गया था कि पिछले साल 19 दिसंबर को दिल्ली में हुई धर्म संसद में मुस्लिम समुदाय के विरुद्ध को हेट स्पीच नहीं दी गई थी. दक्षिण पूर्वी दिल्ली की पुलिस उपायुक्त ईशा पांडे द्वारा हलफनामे में कहा गया था कि दिसंबर में गोविंदपुरी मेट्रो स्टेशन के पास बनारसीदास चांदीवाला सभागार में हिंदू युवा वाहिनी ने कार्यक्रम आयोजित किया था जिसमें हेट स्पीच दिए जाने को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई थी. उन्होंने कहा था कि घटना के वीडियो क्लिप में किसी विशेष समुदाय के खिलाफ कोई आपत्तिजनक बयान नहीं हैं. इसलिए जांच के बाद निष्कर्ष निकाल गया कि कार्यक्रम में हेट स्पीच नहीं दी गई थी.
सुप्रीम कोर्ट मामले को लेकर जनहित याचिका पर कर रही है सुनवाई
बता दें कि न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति अभय एस ओका की पीठ पत्रकार कुर्बान अली और वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश (पटना उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश) द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें धर्म संसद में कथित मुस्लिम विरोधी भड़काऊ भाषणों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की मांग की गई थी. गौरतलब है कि दिसंबर 2021 में क्रमशः हरिद्वार और दिल्ली में हिंदू युवा वाहिनी की बैठक हुई थीं. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस द्वारा कार्यक्रम को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. इस तथ्य के बावजूद कि नरसंहार के लिए ऐलान किया गया था.
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