Delhi News: विधानसभा से दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय विधेयक पारित, जानें इसके बारे में पूरी बात
Delhi News: बिल पर चर्चा में भाग लेते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय से स्नातक करने वाले शिक्षक भारत को विश्वगुरु बनने के लिए प्रेरित करेंगे.
Delhi News: विधानसभा (Assembly) ने मंगलवार को दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय विधेयक (Delhi Teachers University Bill) पारित कर दिया है. सरकार ने जोर देकर कहा कि शिक्षक प्रशिक्षण में एक नया मानदंड स्थापित करेंगे. बिल पर चर्चा में भाग लेते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय से स्नातक करने वाले शिक्षक भारत को विश्वगुरु बनने के लिए प्रेरित करेंगे. कोई भी देश राजनीतिक नेताओं की वजह से विश्व नेता के रूप में विकसित नहीं होता है बल्कि शिक्षक ही विश्वगुरु बनने के लिए देश का नेतृत्व करते हैं. सिसोदिया ने कहा कि विधानसभा से शिक्षक विश्वविद्यालय विधेयक पारित होने पर देश में शिक्षकों की गुणवत्ता को बढ़ाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि दिल्ली का शिक्षक विश्वविद्यालय देश को विश्वगुरु बनने के लिए प्रेरित करनेवाले प्रतिभाशाली शिक्षकों का उत्पादन करेगा. विश्वविद्यालय में लेक्चर हॉल, डिजिटल लैब और 5,000 छात्रों के लिए विश्व स्तरीय सुविधाओं समेत एक पुस्तकालय होगा. बक्करवाला गांव में 12 एकड़ जमीन पर फैला शिक्षक विश्वविद्यालय देश में प्रशिक्षण के लिए एक नया मानदंड भी स्थापित करेगा. सिसोदिया ने कहा कि जब तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्वविद्यालयों में चाणक्य जैसे शिक्षक थे, तब भारत की दुनिया भर में पहचान थी.
देश को विश्वगुरु के रूप में पहचाना जाएगा- सिसोदिया
भारत की शिक्षा प्रणाली पर दुनिया भर में चर्चा हुई. एक बार फिर पुराने दिन लौट आएंगे और हमारे देश को विश्वगुरु के रूप में पहचाना जाएगा. उन्होंने कहा कि इसमें दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. यूपी सरकार और प्रधानमंत्री पर केजरीवाल मॉडल की नकल करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने मेरठ में एक स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखी. उन्होंने आगे कहा कि देखना चाहते हैं मेरठ में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी कैसी बन रही है.
भाजपा शासित राज्यों ने नहीं बनाया दिल्ली जैसा मॉडल
सिसोदिया ने कहा कि देखकर अच्छा लगा कि मेरठ में खेल विश्वविद्यालय को दिल्ली के खेल विश्वविद्यालय जैसा विकसित किया जा रहा है. आज तक ना तो गुजरात और ना ही किसी अन्य भाजपा शासित राज्य ने ऐसा कोई मॉडल बनाया है. उन्होंने दावा किया कि भाजपा शिक्षा को लेकर गंभीर नहीं है. आज देश में केंद्र सरकार ने आईआईटी की फीस 90,000 रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये और आईआईएम की फीस 23 लाख रुपये कर दी है. उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि इससे आम आदमी के बच्चों को इन संस्थानों में प्रवेश पाना मुश्किल होगा.