Delhi: चाकू से 55 बार हमला करने वाला किशोर...गुस्सा या अतीत में लगा कोई सदमा, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
Delhi News: उत्तर-पूर्व दिल्ली में एक नाबालिग लड़के की हत्या करने वाला किशोर क्या किसी मानसिक रोग से पीड़ित है या बचपन के किसे सदमे का शिकार है. इसको लेकर विशेषज्ञों ने अलग-अलग प्रकार की राय दी है.
Delhi Crime News: दिल्ली (Delhi) की वेलकम कॉलोनी में नशे में धुत्त 16 वर्षीय एक किशोर द्वारा एक अन्य किशोर पर चाकू से 55 बार हमला (Stabbing) करने, उसके शव (Dead Body) को घसीटने और उसके पास नाचने की वीभत्स घटना ने यह सवाल पैदा कर दिया है कि आरोपी ने ऐसा क्यों किया होगा? मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इसके पीछे अतीत में लगा कोई सदमा, गुस्से पर काबू नहीं कर पाने की समस्या या कोई अन्य मनोविकार कारण हो सकता है.
पुलिस ने बताया कि आरोपी ने पीड़ित से मंगलवार को बिरयानी खरीदने के पैसे मांगे थे, जिसे देने से पीड़ित ने इनकार कर दिया था, जिसके बाद आरोपी ने उस पर हमला कर दिया. यह घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है, जिसमें स्पष्ट रूप से नशे में धुत्त आरोपी पीड़ित का गला काटते, उसे बालों से पकड़कर सड़क पर घसीटते और पास खड़े अन्य लोगों को दूर रहने का इशारा करते दिख रहा है.
अतीत की बुरी घटना का हो सकता है प्रभाव
फोरेंसिक मनोवैज्ञानिक दीप्ति पुराणिक के अनुसार, आरोपी के इस प्रकार के व्यवहार का कारण कोई ऐसा मनोविकार हो सकता है, जिसका अभी तक पता नहीं चल पाया हो. मनोवैज्ञानिक श्वेता शर्मा ने कहा कि पैसे देने से इनकार किए जाने पर इतनी तीव्र प्रतिक्रिया का कारण अतीत में इसी तरह की अस्वीकृति की किसी घटना से जुड़ी दबी हुई भावनाएं हो सकती हैं.
बचपन की इस घटना का भी हो सकता है असर
अमेरिका के पेंसिल्वेनिया में बाल एवं किशोर मनोचिकित्सक प्रदीप्त मजूमदार ने कहा कि इस हिंसक व्यवहार के पीछे का कारण पता लगाने के लिए शराब या मादक द्रव्यों का सेवन और शैक्षणिक संघर्ष सहित कई अन्य कारकों पर गौर किया जाना चाहिए. मजूमदार ने कहा कि हत्या का कारण कोई गंभीर मानसिक बीमारी होने के मामले पांच प्रतिशत से कम हैं. उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व में हिंसक व्यवहार, असामाजिक लक्षण, यौन या शारीरिक शोषण जैसी घटनाओं से बचपन में लगा सदमा, माता-पिता का प्रभाव और पड़ोस का माहौल जैसे कारकों पर विचार किया जाना चाहिए.’’
क्या बायपोलर डिसार्डर से पीड़ित है आरोपी?
मजूमदार ने कहा, ‘‘आचरण संबंधी विकार, मादक द्रव्य के इस्तेमाल संबंधी विकार, बायपोलर डिसार्डर या मनोविकृति जैसी ऐसी स्थितियां इस हिंसा का कारण हो सकती हैं, जिनका उचित उपचार नहीं किया गया होगा.’’ पुराणिक के अनुसार, इस व्यवहार का कारण जानने के लिए गुस्से पर नियंत्रण न कर पाने सहित कई कारकों पर विचार करने की आवश्यकता है. उन्होने कहा, ‘‘वह अपना गुस्सा काबू नहीं कर पाया, इसलिए वह चाकू मारता रहा. एक अन्य संभावना यह है कि वह असामाजिक व्यक्तित्व विकार या ‘इंटरमिटेंट एक्सप्लोसिव डिसऑर्डर’ (बार-बार गुस्सा आने की समस्या) से पीड़ित होगा.’’
हताशा भी हो सकती है वजह- विशेषज्ञ
गुरुग्राम में किशोर न्याय बोर्ड के पैनल में शामिल मनोवैज्ञानिक शर्मा ने से कहा, ‘‘इसका कारण अतीत की किसी घटना को लेकर हताशा भी हो सकती है. शायद उसके परिवार के सदस्यों या उसके हमउम्र लोगों के समूह ने उसके साथ इसी प्रकार का व्यवहार किया हो. कुछ करने की अनुमति नहीं मिलने की स्थिति भी इस व्यवहार की वजह हो सकती है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह उसके लिए केवल ऐसी घटना थी, जहां उसे अपना सारा गुस्सा और आक्रोश निकालने का मौका मिला. इसका पीड़ित से सीधे तौर पर कोई लेना-देना नहीं था. वह अजनबी था, लेकिन यह घटना ताबूत में आखिरी कील साबित हुई.’’ उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है.
दिल्ली में पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटना
शहर में इस प्रकार खुले-आम हत्या की यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले मई में उत्तर पश्चिमी दिल्ली के शाहबाद डेरी इलाके में एक युवक ने 16 वर्षीय लड़की को 20 से अधिक बार चाकू मारकर उसकी हत्या कर दी थी. इसके अलावा अक्टूबर में 27 वर्षीय व्यक्ति ने एक महिला को 13 बार इसलिए चाकू मारा क्योंकि उसके परिवार ने उसका विवाह प्रस्ताव ठुकरा दिया था और पीड़िता ने उसका फोन नंबर ब्लॉक कर दिया था. इस हमले में 23 वर्षीय युवती जीवित बच गई.
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