Delhi Weather: फरवरी में ही गर्मी के कपड़े खरीदने लगे लोग, सर्दियों के कपड़ों का बचा स्टॉक, परेशान हैं कपड़ा व्यापारी
दिल्ली में फरवरी में गर्मी के एहसास ने लोगों को गर्मियों के कपड़े खरीदने पर मजबूर कर दिया हैं. लेकिन इससे कपड़ा व्यापारी परेशान हैं क्योंकि बदले हुए मौसम की वजह से सर्दियों का स्टॉक पूरा नहीं बिक सका.
Delhi Temprature Increasing: फरवरी माह के तीसरे सप्ताह से ही राजधानी दिल्ली (Delhi) को गर्मी का एहसास होने लगा है जो लोगों को काफी हैरान करने वाला है . इसके अलावा दिल्ली सहित उत्तर भारत (North India) के अन्य राज्यों में भी तापमान (Temprature) में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. फरवरी महीने में ही दिल्ली का अधिकतम तापमान (Maximum Temprature) 32 डिग्री से ज्यादा इस ओर संकेत दे रहा है की इस बार लोगों को प्रचंड गर्मी झेलनी पड़ेगी.
वहीं इसका प्रभाव अब दिल्ली के व्यापार जगत पर भी देखने को मिल रहा है जहां समय से पहले गर्मी के दस्तक ने बाजारों से गर्म कपड़ों (Warm Clothes) को समय से पहले ही बाहर कर दिया है, जिससे दिल्ली के व्यापारियों (Delhi Traders) को काफी निराशा हुई है .
गर्मी के दस्तक की वजह से नहीं बिके पूरे स्टॉक
एबीपी लाइव ने दिल्ली के पालिका बाजार के व्यापारी नदीम से जब इस मामले में बातचीत की तो उन्होंने बताया कि आमतौर पर ठंड के दिनों के लिए व्यापारी 3 से 4 महीनों के लिए गर्म कपड़ों का स्टॉक पहले ही रख लेते हैं, जिसको ठंड के समाप्ति तक बिकने का लक्ष्य रखा जाता है. लेकिन फरवरी में ही गर्मी के दस्तक की वजह से यह पूरे कपड़े इस बार नहीं बिक सके, जिसकी वजह से ज्यादातर व्यापारियों को घाटा हुआ है.
इसके अलावा वहां मौजूद अन्य व्यापारी अशोक कुमार ने भी बताया कि पालिका बाजार में इस समय गर्म कपड़ों को खरीदने के लिए आने वाले ग्राहकों की संख्या बहुत कम है, लेकिन फरवरी माह में भी उलन कपड़ों (Woollen Clothes) की खरीदारी होती थी. जो ग्राहक आ रहे हैं वह इस समय गर्मी में पहने जाने वाले कपड़ों की ज्यादा मांग कर रहे हैं जिससे रखे हुए गर्म कपड़ों के स्टॉक की बिक्री नहीं हो पा रही है.
दिल्ली के प्रमुख बाजारों पर पड़ा असर
दिल्ली के चर्चित करोल बाग, सरोजिनी नगर मार्केट, चांदनी चौक, पालिका बाजार , सहित अन्य मार्केट के व्यापारियों का यही कहना है कि गर्मी के जल्दी दस्तक ने बाजार पर प्रभाव डाला है . ग्राहकों के गर्म कपड़ों की मांग समय से पहले ही कम हो गई है और अनुमान के मुताबिक लगभग 25 फ़ीसदी से ज्यादा इस बार इन प्रमुख बाजारों के गर्म कपड़े नहीं बिके हैं जिससे आम व्यापारी घाटा होने के कारण काफी निराश हुआ है.