Delhi News: एशिया की सबसे सुरक्षित जेल कही जाने वाली तिहाड़ में पिछले कुछ महीनों से लगातार कई ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे तिहाड़ सुर्खियों में बना हुआ है. इन घटनाओं में सनसे ज्यादा चर्चित गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया हत्याकांड रहा. दरअसल, कुछ दिन पहले गैंगस्टर टिल्लू की 90 बार हैंडमेड सुए से गोदकर बेरहमी से हत्या कर दी गई. बता दें कि, तिहाड़ प्रशासन अक्सर जेल में मोबाइल, हथियार और अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं की बरामदगी के लिए जांच करती रहती है और हमेशा कुछ न कुछ बरामद होता ही रहता है.


ऐसे में टिल्लू की हत्या के बाद तिहाड़ महकमे में मचे हड़कंप के बाद जहां बड़े पैमाने पर अधिकारियों के तबादले हुए, तो वहीं जेल में जांच और सुरक्षा को भी बढ़ा दिया गया. साथ ही नियमित अंतराल पर जेल में तलाशी अभियान चलाया जाने लगा. जिससे कैदियों के पास मोबाइल-हथियार या अन्य प्रतिबंधित वस्तु न रहे और फिर कोई बड़ा घटना न घटे. 


जेल में बरामद हुआ मोबाइल, सिम और सुआ


बता दें कि, तिहाड़ जेल में एक बार फिर से मोबाइल, सिम कार्ड, चार्जर और एक हैंडमेड सुआ बरामद किया गया है. तिहाड़ प्रशासन ने बताया कि, सूत्रों से जेल नम्बर 8 और 9 के कैदियों द्वारा मोबाइल के इस्तेमाल की सूचना मिली थी. इसके आधार पर तिहाड़ प्रशासन ने 21 जून की शाम जेल में तलाशी अभियान चलाया. इसमें पुलिस ने एक कीपैड वाला मोबाइल फोन और हाथों से बनाया गया एक सुआ बरामद किया. इसी दौरान जेल के सीसीटीवी कंट्रोल रूम से निगरानी कर रहे जेलकर्मियों की नजर बैरक में मौजूद अन्य कैदियों की असामान्य गतिविधियों पर पड़ी. जिनसे पूछताछ और तलाशी के बाद एक सिम कार्ड और जुगाड़ वाला चार्जर बरामद किया गया.


मोबाइल बचाने कि लिए खुद को घायल किया


पुछताछ के दौरान एक कैदी ने उसके पास एक कीपैड वाले फोन के होने की बात बताई. इस पर कंट्रोल रूम से जेलकर्मी के साथ उस कैदी को बैरक में मोबाइल की बरामदगी के लिए भेजा गया, लेकिन वहां पहुंचते ही वहां मौजूद कैदियों ने उसे जेल प्रशासन को मोबाइल न देने के लिए दबाव बनाने लगे. इतना ही नहीं मोबाइल न देने के लिए 20 से ज्यादा कैदियों ने खुद को घायल कर लिया. इस हंगामें के बीच एक कैदी ने छुपा कर रखे मोबाइल को निकाल कर अपने घर वालों और पीसीआर कॉल कर उन्हें जेलकर्मियों द्वारा पीटे जाने की सूचना दी.


चार कैदी घायल


कैदियों पर काबू पाने के लिए कंट्रोल रूम में मौजूद अन्य कर्मी भी मौके पर पहुंचे. यहां उन्होंने घायल कैदियों DDU अस्पताल इलाज के लिए लेकर गए. जबकि बाकियों का जेल डिस्पेंसरी में इलाज करवाया गया. इस घटना के बाद सीसीटीवी फुटेज की सहायता से वह मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया गया, जिससे कैदी ने अपने घर वालों और PCR को कॉल किया था. वहीं कैदियों और उनके परिजनों का आरोप है कि जेलकर्मी उन्हें पिछले एक महीने से परेशान कर रहे हैं और उनसे पैसे मांग रहे हैं. जिसके नहीं मिलने पर उन्हें बुरी तरीके से मारापीटा गया है और जान से मारने की धमकी दी गयी है. 


कैसे पहुंचा जेल में मोबाइल?


जेल में कैदियों के पास फोन होने के कारण वे अपने परिजनों को घटना की जानकारी दे पाए, लेकिन ये अहम सवाल है कि कैदियों के पास मोबाइल पहुंचा कैसे? सिर्फ मोबाइल ही नहीं सुआ और अन्य प्रतिबंधित वस्तु का बरामद होना कई सवाल खड़ा करता है. जेल से बरामद मोबाइल, सिम, चार्जर और हैंडमेड सुए ने एक बार फिर से तिहाड़ की बाहरी और भीतरी सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है. इतने कड़े प्रतिबंध के बावजूद कैदियों तक मोबाइल पहुंचना और फिर उनसे सुआ बरामद होना तिहाड़ प्रशासन के लिए परेशानी खड़ी करने वाला है. क्या फिर से तिहाड़ में किसी की हत्या की साजिश रची जा रही थी? 


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