Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली में पानी की किल्लत को दूर करने के प्रयास में केजरीवाल सरकार कई योजनाओं पर काम कर रही है. इसी कड़ी में दिल्ली को झीलों का शहर बनाने की महत्वाकांक्षी योजना पर काम जारी है. इस योजना के तहत झीलों के आसपास का क्षेत्र पर्यटन स्थलरूप में विकसित हो सकेगा. इतना ही नहीं, इससे भूजल स्तर में भी सुधार होगा.
इसी कड़ी में तिमारपुर इलाके में झील बनाने की योजना पर काम अंतिम चरण में है. इसका जायजा लेने के लिए दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तिमारपुर पहुंचे. उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट के पहले चरण का 90 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है. इसका बाकी काम भी जल्द पूरा हो जाएगा. इसके बाद जुलाई के पहले सप्ताह में इस झील को आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि तिमारपुर झील परिसर का निर्माण 40 एकड़ क्षेत्रफल में किया जा रहा है.
पर्यटकों को मिलेगी फूड कैफे की सुविधाएं
आप नेता सोमनाथ भारती ने कहा कि तिमारपुर झील को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने के क्रम में यहां पर फूड कैफे, ओपन एयर थियेटर, ऑडिटोरियम जैसी कई चीजें बनाई जा रही हैं. लोगों के लिए झील परिसर खुलने के बाद झील की सुंदरता के साथ ही यहां आने वाले लोग ओपन एयर थिएटर और सीटिंग एरिया की स्टेप प्लाजा जैसी सुविधाओं का लाभ उठा पाएंगे.
लोगों को रोजाना मिल रहा 20 लीटर मुफ्त पानी
सोमनाथ भारती ने जल बोर्ड द्वारा शकूरबस्ती में झुगीवासियों को आरओ का शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के लिए बनाए गए आरओ प्लांट का भी निरीक्षण किया. जलबोर्ड ने यहां की झुग्गियों में रहने वाले लोगों को पानी के लिए स्मार्ट कार्ड उपलब्ध कराए हैं. स्मार्ट कार्ड जरिए लोगों को प्लांट से रोजाना 20 लीटर पानी मुफ्त मुहैया कराया जा रहा है. डीजेबी उपाध्यक्ष ने कहा कि सीएम केजरीवाल की तरफ से बनाया गया यह आरओ प्लांट झुग्गीवासियों के लिए एक शानदार उपहार है. जिन झुग्गी बस्तियों में अब तक पानी की लाइन नहीं पहुंच पाई है, वहां पर इस तरह के आरओ प्लांट लगाकर लोगों को पीने का शुद्ध पानी उपलब्ध कराया जा रहा है.
रोजाना 15 से 20 मिलियन गैलन पानी होगा रिचार्ज
तिमारपुर में झील परिसर के निर्माण के अलावा 5 एकड़ में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी विकसित किया जा रहा है. इस परियोजना के दूसरे चरण के तहत तिमारपुर झील परिसर में वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है. इस प्लांट में हर रोज 25 एमएलडी पानी का शोधन किया जाएगा. इस प्लांट के शोधित पानी का इस्तेमाल झील को भरने और ग्राउंड वाटर को रिचार्ज करने में किया जाएगा. तिमारपुर झील से रोजाना 15 से 20 मिलियन गैलन पानी रीचार्ज होने की संभावना.
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