Delhi Tomato Flu: दिल्ली के स्कूल में सामने आए ‘टोमैटो फ्लू’ के मामले, एक्सपर्ट से जानिए बचाव के टिप्स
Tomato Flu: दिल्ली के एक प्राइवेट स्कूल में तीसरी क्लास के दो बच्चों में ‘टोमैटो फीवर’ पाया गया है. जिसके बाद स्कूल ने उस सेक्शन को बंद कर दिया है. फिलहाल बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन करवाई जा रही है.
Delhi News: राजधानी दिल्ली (Delhi) ‘टोमैटो फीवर’ (Tomato Flu) के केस लगातार बढ़ते जा रहे है. हाल ही में नए मामले यहां के एक प्राइवेट स्कूल में सामने आए है. वहीं मामले सामने आने के बाद प्रीत विहार () में स्थित मदर्स ग्लोबल स्कूल ने उस क्लास का सेक्शन बंद कर दिया है. जिसके बच्चों में ये बीमारी सामने आई है. बताया जा रहा है कि फिलहाल बच्चों की तबीयत ठीक है.
क्लास 3 के दो बच्चों में मिली बीमारी
जानकारी के अनुसार स्कूल में तीसरी क्लास के दो बच्चों में हाथ, पैर और मुंह की बीमारी (HFMD) पाई गई है. इसके लेकर स्कूल की प्रिंसिपल अर्चना मनोचा ने बताया कि बुधवार को हमें पता चला कि क्लास 3 के दो स्टूडेंट्स को हैंड, फुट, माउथ डिजीज हुई है. हालांकि ये बच्चे दो-तीन दिन से स्कूल नहीं आ रहे थे. लेकिन पैरंट्स से पता चलने के बाद हमने डॉक्टर से सलाह ली और क्लास 3 का ये सेक्शन बंद कर दिया. जिसके बाद बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन करवाई जा रही हैं. साथ ही स्कूल में सैनेटाइजेशन पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है.
मंकीपॉक्स से अलग टोमैटो फ्लू
फोर्टिस हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक्स डॉक्टर अरुण गुप्ता ने कहा है मंकीपॉक्स और टोमैटो फ्लू दोनों अलग-अलग बीमारी है. मंकीपॉक्स में शरीर पर पानी भरे बड़े-बड़े दाने हो जाते हैं. लेकिन टोमैटो फीवर में ऐसा कुछ नहीं होता. सिर्फ माउथ डिजीज को ही टोमैटो फ्लू कहा जाता है. वहीं इस बीमारी में शरीर पर लाल दाने निकल आते हैं इसलिए इसे टोमैटो फ्लू भी कहा जाता हैं.
मरीज को आइसोलेट करना जरूरी
मणिपाल हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक्स डॉक्टर विकास तनेजा ने कहा कि, ये एक संक्रामक बीमारी है. जो बहुत तेजी से फैलती है. इसलिए वायरस को फैलने से रोकना है तो स्कूल को बंद कर देना चाहिए. ताकि कोई और बच्चे को ये बीमारी ना हो. वहीं अगर ये बीमारी किसी को हो जाती है तो उस मरीज को आइसोलेट करना बेहद जरूरी है. इसके साथ ही सफाई का भी खास ख्याल रखना होता है.
लक्षणों के अनुसार किया जाता है इलाज
बीमारी के इलाज की जानकारी देते हुए डॉक्टर विकास तनेजा ने बताया कि, इसकी कोई अलग दवाई नहीं बल्कि लक्षण के अनुसार ही मरीज को दवाई दी जा रही है. जैसे फीवर होता है तो फीवर की दवाई, गले में दर्द है तो उसकी दवाई दी जा रही है. डॉक्टर की मानें तो ये बहुत पुरानी बीमारी है. इसलिए इसमें डरने की जरूरत नहीं.
क्या है HFMD बीमारी?
- ये बीमारी कोक्ससैकीय A16 वायरस से होती है.
- इसमें हाथ, पैर और मुंह में ही लक्षण आता है. इसलिए इसे हैंड, फुट और माउथ डिजीज भी कहा जाता है.
- ये बीमारी सांस लेने वाली नली के जरिए फैलताी है.
- बीमारी में ज्यादत्तर मुंह के अंदर लाल छाले हो जाते है.
- इस बीमारी में सबसे पहले फीवर फिर गले में दर्द की शिकायत होती है.
- इसके अलावा हाथ, पैर और मुंह में लाल दाने भी हो जाते है.