Delhi News: दिल्ली पुलिस ने बढती सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए, उम स्थानों को चिन्हित करना शुरू कर दिया जहाँ सबसे अधिक सड़क दुर्घटना हुई. इसके तहत दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने रिंग रोड और आउटर रिंग रोड पर सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाओं के कारण इसे ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित किया गया है. दिल्ली की इन दो सबसे व्यस्त सड़कों में से एक रिंग रोड जहाँ पिछले साल 287 सड़क दुर्घटनायें हुई थीं, जिनमे 88 लोगों की मौत हो गयी थी. जबकि आउटर रिंग रोड पर हुई 256 दुर्घटनाओं में से सौ से अधिक लोगों की मौत हुई थी.


यह है सबसे अधिक दुर्घटना वाली जगहें


दिल्ली पुलिस के अधिकारीयों ने ब्लैक स्पॉट घोषित करने की वजह यहाँ सबसे अधिक हुई सड़क दुर्घटनाएं मौत बताई है. इसलिए इन जगहों को दुर्घटना संभावित क्षेत्र की श्रेणी में रखा गया है.दिल्ली में दस ब्लैक स्पॉट के साथ 25 दुर्घटना संभावित सड़कों की सूची जारी की गई है. रिंग रोड के आउटर और इनर रिंग रोड के साथ, रोहतक रोड और जीटीके रोड में कुल 801 दुर्घटनाएं घटित हुईं, जिसमें 275 लोगों की मौत हुई.
 
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक आज़ादपुर चौक और पंजाबी चौक को ब्लैक स्पॉट की श्रेणी में शीर्ष स्थानों में दर्ज किया गया है, क्योंकि यह जगह ड्राईवरों के लिए सबसे असुरक्षित माना गया है. जहां हर जंक्शन पर 23 दुर्घटनाएं दर्ज की गयी. आजादपुर चौक पर सड़क दुर्घटनाओं में 22 लोग घायल हुए जबकि नौ लोगों की मौत हुई. यह दिल्ली में किसी एक स्तःन पर हुई दुर्घटनाओं में सबसे अधिक है. जबकि पंजाबी बाघ में सड़क दुर्घटनाओं में घायल हुए लेकिन यहाँ सिर्फ छः मौतें हुयीं. वहीं अन्य सबसे अधिक दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्रों में भलस्वा चौक, मुकरबा चौक, बुराड़ी चौक और मजनू का टीला को रखा गया है. 


ब्लैक स्पॉट क्यों बनाया गया है
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि ब्लैक स्पॉट की पहचान वहां पर होने वाली दुर्घटना की संख्या के आधार पर तय किया जात है. उस दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्र को ब्लैक स्पॉट घोषित करने के बाद उस स्थान पर दुर्घटना रोकने के सभी उपयो को लागु किया जाता है.  


पिछले साल दुर्घटना की श्रेणी में आउटर रेंज और पश्चिमी रेंज के हिसाब से, जहाँ आउटर रेंज में 350 तो वहीं पश्चिमी रेंज में 276 खतरनाक श्रेणी के दुर्घंयें घटित हुईं. हालाँकि इन सबसे में एक बात सबसे सकारात्मक यह रहा की 2019 की तुलना में रोड दुर्घटनाओं के साथ, इसमें हुई मौतों की संख्या में गिरावट आई है. बीते साल पूरी दिल्ली में जहाँ कुल 4178 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 1196 मौतें हुईं, जबकि साल 2019 में 1463 मौतों के साथ 5610 दुर्घटनाएं दर्ज की गईं.  .


इस संबंध दिल्ली पुलिस के अधिकारीयों का कहना है कि “अधिकतर दुर्घटनाएं रात में शराब पीकर गाड़ी चलाने की वजह से हुई हैं. हमने ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए वहां पर पुलिस अधिकारियों की तैनाती बढ़ी दी गयी है और नियमों को तोड़ने वालों पर अधिक जुर्माना लगाया जा रहा है. वहीं लोगों के मदद के उद्देश्य से कई इलाकों में रात में गश्त करने वाली टीमों को सक्रिय कर दिया गया है."


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