दिल्ली परिवहन निगम ने दिल्ली के निजी स्कूलों के लिए अपनी बस सेवा बंद कर दी हैं. वहीं डीटीसी बस सेवा बंद होने से निजी स्कूलों के साथ छात्रों के अभिभावकों की भी परेशानियां बढ़ने लगी हैं. डीटीसी बस सेवा बंद होनी की वजह से अब अभिभावकों को अपने बच्चों को रोजाना स्कूल ले जाना पड़ रहा है. कई सालों से डीटीसी ने छात्रों के परिवहन के लिए निजी स्कूलों को अपनी बस सेवा दी है, लेकिन पिछले साल दिल्ली परिवहन विभाग ने निजी स्कूलों को वैकल्पिक व्यवस्था करने और अन्य निजी गाड़ियों का उपयोग करने के लिए कहा था.


परिवहन विभाग ने यह फैसला तब लिया था जब इसके बेड़े में बसें कम हो गईं थीं. वहीं अभिभावकों का कहना है कि डीटीसी बस बंद होने से बच्चों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़ा होता है. दिलशाद गार्डन के निवासी जोसेफ ने बताया कि हमारे क्षेत्र में छात्रों के लिए सामूहिक रूप से 50 सीटों की एक निजी बस किराए पर ली गई है, हालांकि हमारे बच्चों की सुरक्षा को लेकर हमें चिंता होती रहती है. क्योंकि डीटीसी बसों में कम से कम एक अटेंडेंट होता है जो एक सरकारी कर्मचारी होता है. अब हम एक प्राइवेट कर्मचारी के साथ बच्चों को भेज रहे हैं. लड़कियों के माता पिता अपनी बेटियों को निजी बस में भेजने पर काफी चिंतित हैं.


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दिल्ली सरकार ने पहले ही साफ कर दिया है कि डीटीसी यात्रियों के लिए बसें चला रही है. परिवहन विभाग निजी स्कूलों को बसें उपलब्ध कराने के लिए कानूनी या अन्य किसी बाध्यता के अधीन नहीं है. वहीं एक सरकारी अधिकारी ने तर्क देते हुए कहा कि दुनिया में कहीं भी सरकारी परिवहन विभाग निजी स्कूलों को बसें उपलब्ध नहीं करा रहे हैं. डीटीसी द्वारा नई बसों की खरीद और सरकार की क्लस्टर योजना के तहत शहर की सड़कों पर इस समय 7,081 सार्वजनिक बसें चल रही हैं.