दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) द्वारा शहर के स्कूलों से डीटीसी बस सेवाएं वापस लेने के फैसले पर दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका डाली गई है. इस याचिका में कहा गया है कि डीटीसी के स्कूलों से अपनी सेवाएं वापस लेने के फैसले ने माता-पिता और बच्चों को बड़े पैमाने पर निराश किया है. इसके साथ ही दिल्ली सरकार के इस फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए याचिका में मांग की गई है. 


इस याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार के इस फैसले से शहर में वाहनों का प्रदूषण बढ़ेगा और हवा की गुणवत्ता अधिक होगी. क्योंकि इसके बाद से दिल्ली की सड़कों पर यातायात की भीड़ काफी बढ़ेगी. क्योंकि अगर स्कूल की तरफ से छात्रों के लिए वाहन सेवा में लगाएं जाएंगे तो इसके सड़कों पर ट्रैफिक बढ़ेगा. अधिवक्ता रॉबिन राजू, दीपा जोसेफ और ब्लेसन मैथ्यूज ने यह याचिका दायर की है. छात्रों के माता-पिता ने स्कूलों में डीटीसी बस सेवाओं को बंद करने के निर्णय से संबंधित अधिकारियों के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त करने के लिए एसोसिएशन का गठन किया है.


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हाल ही में दिल्ली सरकार ने डीटीसी बसों की कमी को देखते हुए स्कूलों को डीटीसी बस किराये पर न देने का फैसला किया था. क्योंकि इस समय दिल्ली में डीटीसी बसों पर यात्रियों का काफी दवाब है और ऐसे में स्कूलों को बस नहीं दी जा सकती हैं. इस समय दिल्ली डीटीसी के पास 3761 बसें हैं और इनमें से 580 बसें स्कूलों को दी जाती थीं. इस फैसले पर दिल्ली परिवहन निगम ने कहा कि जब तक नई बसें नहीं आ जातीं तब तक स्कूल ट्रांसपोर्ट के लिए वैकल्पिक इंतजाम देखें.