New Delhi: यदि आपके पास कोई वाहन है जिसकी प्रदूषण जांच होनी बाकी है तो जल्द ही आपके पास परिवहन विभाग का ई-नोटिस आने वाला है. दिल्ली में ऐसे 17 लाख से अधिक वाहन हैं जिनके पास वैध प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र नहीं है. परिवहन विभाग ऐसे वाहन मालिकों से 10,000 रुपए का जुर्माना वसूलेगा. दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के  पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में 17.3 लाख से अधिक ऐसे वाहन हैं जिनकी प्रदूषण जांच लंबित है. इनमें मुख्य रूप से 14.6 लाख दुपहिया वाहन हैं.


10 हजार जुर्माना और तीन महीने की कैद की सजा
विभाग ने प्रदूषण जांच करवाने के लिए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया था और जल्द से जल्द वाहन की प्रदूषण जांच कराने के लिए कहा था. विभाग ने कहा था कि वाहनों की प्रदूषण जांच न करवाने पर  तीस साल की कैद या 10,000 रुपए  का जुर्माना या फिर दोनों लगाया जाएगा.  इसके अलावा इस तरह के वाहन मालिकों का तीन माह के लिए लाइसेंस भी रद्द किया जाएगा. संयुक्त आयुक्त  (प्रवर्तन) नवेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि हमारे आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में 17  लाख वाहनों की प्रदूषण जांच लंबित है, हालांकि इनमें से कुछ वाहन कबाड़ में या अन्य राज्यों में बेच दिए गए हैं. इसलिए आंकड़े थोड़े ऊपर-नीचे भी हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली में हर दिन करीब 10,000 से 15,000 वाहनों की प्रदूषण जांच की जाती है और इसके साथ उन वाहनों का रिकॉर्ड भी रखा जाता है जो प्रदूषण जांच नहीं करा रहे हैं.


पहले मोबाइल पर भेजे जाएंगे नोटिस
उन्होंने कहा कि पुराने वाहनों के विपरीत जिन्हें हर तीन महीने में नए पीयूसी प्रमाणपत्र प्राप्त करने की आवश्यकता होती है,  नए बीएस-IV अनुपालन वाले वाहनों को वर्ष में केवल एक बार पीयूसीसी प्राप्त करने की आवश्यकता होती है. सिंह ने कहा कि पहले लोगों के मोबाइल पर इसको  लेकर ई-नोटिस भेजा जाएगा, क्योंकि यदि डेटा के आधार पर हमने उन्हें सीधे चालान भेजा तो वे ये कहकर इसका विरोध कर सकते हैं कि वे तो वाहन बिल्कुल चला ही नहीं रहे थे.


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