दिल्ली विधानसभा में पिछले सप्ताह बजट सत्र के दौरान परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की 3,697 बसें पैनिक बटन और सीसीटीवी कैमरों से लैस हैं. दिल्ली परिवहन विभाग के 43 बसों में इन सुविधाओं की कमी है. इन 43 डीटीसी बसों में सीसीटीवी और पैनिक बटन लगाने का मामला सरकार के पास विचाराधीन है. कैलाश गहलोत ने यह जानकारी बीजेपी नेता ओम प्रकाश शर्मा के एक प्रश्न के जवाब में दी.


इसके साथ ही कैलाश गहलोत ने कहा कि दिल्ली में परिवहन विभाग ने डीटीसी ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2.32 करोड़ रुपये की मासिक बचत का प्रबंधन किया, जबकि उसी वित्तीय वर्ष में निगम की आय 454.42 करोड़ रुपये थी. गहलोत ने जानाकारी देते हुए कहा कि 21 मार्च 2022 तक डीटीसी बसों में 9,181 मार्शल तैनात थे. वित्तीय वर्ष 2020-21 में डीटीसी बसों पर प्रति किलोमीटर चलने की लागत 106 रुपये थी.


वहीं बीजेपी विधायक ओमप्रकाश शर्मा के एक सवाल के जवाब में परिवहन मंत्री गहलोत ने कहा कि सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में डीटीसी बसों में मार्शलों की तैनाती के लिए प्रति माह 13.06 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. साल 2020-21 में डीटीसी की आय 454.42 करोड़ रुपये रही, जबकि निगम ने इसी वित्त वर्ष में 2.32 करोड़ रुपये की मासिक बचत का प्रबंधन किया. डीटीसी ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में ईंधन पर प्रति माह 28.63 करोड़ रुपये खर्च किए. सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 में महिला यात्रियों को मुफ्त यात्रा मुहैया कराने पर 114.86 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.


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दिल्ली परिवहन निगम के पास 3,762 बसें हैं, जिनमें से 3,760 सीएनजी बसें हैं जबकि दो इलेक्ट्रिक बसें हैं. डीटीसी ने अपने कर्मचारियों के वेतन और बकाया सहित अपनी बसों को चलाने के लिए मासिक रूप से लगभग 167.49 करोड़ रुपये खर्च किए थे. डीटीसी ने अपनी बसों के चालकों और कंडक्टरों के वेतन पर 53.12 करोड़ रुपये मासिक खर्च किए. 21 मार्च 2022 तक डीटीसी में 7,715 स्थायी कर्मचारी हैं जबकि संविदा कर्मचारियों की संख्या 22,809 है.