Municipal Corporation Delhi: दिल्ली नगर निगम चुनाव से पहले केंद्रीय कैबिनेट ने तीनों निगमों के एकीकरण को मंजूरी दे दी है. जिसके बाद इस प्रस्ताव को मौजूदा बजट सत्र में भी पेश दिया जा सकता है. केंद्रीय कैबिनेट की मुहर के बाद यह साफ हो गया है कि राजधानी दिल्ली में होने वाले नगर निगम चुनाव तीनों निगमों के एक हो जाने के बाद ही कराए जाएंगे.
बता दें कि इसी महीने निगम चुनावों की तारीखों का एलान किया जाना था लेकिन दिल्ली चुनाव आयोग ने यह कहकर चुनावों की तारीखों को टाल दिया था कि केंद्र सरकार तीनों निगमों को एक करना चाहती है जिसको लेकर उन्हें पत्र भेजा गया है. जिसके बाद चुनावों की तारीखों को टाल दिया गया था.
तीनों निगमों के एकीकरण को लेकर बीजेपी जहां इस फैसले का स्वागत कर रही है तो वहीं आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि केवल चुनावों में अपनी हार के डर के चलते बीजेपी यह पैंतरा अपना रही है. चुनावों को टालने की कोशिश की जा रही है.
दक्षिण दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष और आम आदमी पार्टी के निगम पार्षद प्रेम चौहान ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि यह कोई पहली बार नहीं है जब बीजेपी चुनावों को रोकने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी साल 2013 विधानसभा के भंग हो जाने के बाद बीजेपी ने चुनाव टालने की कोशिश की थी और साल 2014 में कोर्ट के दखल के बाद 2015 में चुनाव कराए गए थे. उस दौरान भी दिल्ली विधानसभा चुनाव में दिल्ली की जनता ने बीजेपी को करारा जवाब दिया था. इस बार भी यही होगा. चाहे बीजेपी कितने ही पैंतरे अपना ले, चाहे तीनों निगमों को एक किया जाए लेकिन चुनाव के बाद निगम में आम आदमी पार्टी ही पूरे बहुमत के साथ आएगी और दिल्ली की जनता ही बीजेपी को करारा जवाब देगी.
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प्रेम चौहान ने कहा कि अगर बीजेपी को तीनों निगमों को एक करना था तो यह फैसला इतने सालों में क्यों नहीं लिया गया. चुनाव से 1 महीने पहले भी यह फैसला लिया जा सकता था, लेकिन चुनाव की तारीखों के एलान से आधे घंटे पहले ही दिल्ली चुनाव आयोग पर दबाव बनाकर बीजेपी ने चुनाव की तारीखों को टाल दिया. जिससे यह साफ है कि निगम चुनावों में अपनी हार को लेकर बीजेपी अलग-अलग हथकंडे अपना रही है, लेकिन दिल्ली की जनता सब देख रही है और इसका जवाब निगम चुनावों में बीजेपी को मिलेगा.
वहीं दिल्ली के पूर्व सीएम मदन लाल खुराना के बेटे हरीश खुराना ने कहा कि तीनों निगमों को एक किए जाने के बाद निगम को इसका फायदा मिलेगा. निगम में काम करने वाले कर्मचारियों को भी इससे फायदा होगा. दिल्ली की जनता को भी इसका लाभ पहुंचेगा, आखिरकार आम आदमी पार्टी इसका लगातार विरोध क्यों कर रही है? तीनों निगम के एकीकरण को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री लगातार अपना विरोध जता रहे हैं आखिरकार उनको इस से क्या नुकसान है?
संसद में पास होगा बिल
उन्होंने कहा कि इसको लेकर जल्द संसद में बिल पास किया जाएगा. हम सभी प्रयास करेंगे कि जल्द से जल्द तीनों निगम को एक किए जाने का बिल पास हो जिससे कि दिल्ली नगर निगम की आर्थिक स्थिति मजबूत हो और सभी कर्मचारियों को समय पर तनख्वा मिले, लेकिन आम आदमी पार्टी ये नहीं चाहती है. वह नहीं चाहती है कि कर्मचारियों का भला हो इसीलिए वह इसका विरोध कर रही है.
इसके साथ ही दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि दिल्ली नगर निगम चुनाव को स्थगित करने के लिए बीजेपी और आम आदमी पार्टी का सुनियोजित कदम है. बीजेपी शासित केंद्र सरकार ने तीनों निगमों को एक करने का फैसला तब लिया जब निगम चुनाव सिर पर है, क्योंकि उन्हें डर था कि यदि तय समय पर चुनाव होंगे तो उन्हें हार का सामना करना पड़ेगा और यही हाल आम आदमी पार्टी का है. इसीलिए दोनों पार्टी की मिली भगत है जिससे कि निगम चुनावों को टालने की कोशिश की जा रही है.
लेकिन निगम को एक किए जाने की जरूरत नहीं है, बल्कि निगम को फंड की आवश्यकता है जो ना तो आम आदमी पार्टी देती है और ना ही एमसीडी में शासित बीजेपी कर्मचारियों के लिए कोई काम कर रही है. पिछले 15 सालों में एमसीडी में बीजेपी ने कोई काम नहीं किया और पिछले 7 सालों में दिल्ली सरकार ने भी एमसीडी के कर्मचारियों के लिए कुछ नहीं किया. जिसके बाद अब दोनों की मिली भगत है कि चुनावों को टाला जा सके. उन्होंने आगे कहा कि यदि तीनों निगमों को एक किए जाने से निगम की आर्थिक हालत सुधरेगी तो एनडीएमसी को भी इसमें विलय कर लिया जाना चाहिए.
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