दिल्ली विश्वविद्यालय में मौजूद इमारत काफी पुरानी हो गई हैं. इन बिल्डिंगो को फिर से सुधारने के लिए और नए भवनों के निर्माण के लिए डीयू उच्च शिक्षा अनुदान एजेंसी (HEFA) से 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का लोन लेने का विचार कर रहा है. आज शुक्रवार को होने वाली कार्यकारी परिषद की बैठक में भी यह प्रस्ताव रखा जा सकता है.


दिल्ली विश्वविद्यालय ने कहा कि पिछले 3-5 सालों में पुरनी इमारतों का विकास नहीं हो पाया है. इसके साथ ही कुछ नई बिल्डिंग भी बनेंगी. क्योंकि विश्वविद्यालय की इमारतें बहुत पुरानी हैं और क्लासों के लिए भी पर्याप्त जगह नहीं हैं.  इसके साथ ही विश्वविद्यालय ने कहा 60 साल से अधिक पुराने भवनों के नवीनीकरण और जीर्णोद्धार के अलावा विश्वविद्यालय कई नई निर्माण परियोजनाओं को भी शुरू करने की योजना बना रहा है.


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प्रौद्योगिकी संकाय के लिए एक नए भवन का निर्माण होना है जिसके लिए लगभग 195 करोड़ रुपये की मांग की जाएगी. इसके साथ ही ढाका परिसर में लड़कियों के छात्रावास के निर्माण के लिए 143 करोड़ रुपये की मांग की जाएगी. वहीं विश्वविद्यालय ने आसपास रहने वाले छात्रों की जरूरतों को देखते हुए रोशनपुरा और सूरजमल विहार में शैक्षणिक भवनों के निर्माण की भी योजना बनाई है.


विश्वविद्यालय के पास रोशनपुरा में 16 एकड़ से अधिक और सूरजमल विहार में 15 एकड़ से अधिक भूमि है जहां प्रस्तावित भवनों के निर्माण की संभावना है.  यदि वैधानिक निकाय द्वारा यह प्रस्ताव पास किया जाता है तो इसके निर्माण के लिए 1075.4 करोड़ रुपये का लोन HEFA दिल्ली विश्वविद्यालय को देगा.