दिल्ली यूनिवर्सिटी ने इस समय चल रहे एग्जामिनेशन की फीस के रूप में करीब 9.5 करोड़ रुपए इकट्ठा किए हैं. अगर पिछले साल से तुलना की जाए तो यह राशि पिछले साल की तुलना में दोगुनी है. ये जानकारी सेंट्रल गवर्नमेंट के समर्थ पोर्टल द्वारा साझा की गई ताकी यूनिवर्सिटी द्वारा पारदर्शिता बनाई रखी जा सके.
इस पोर्टल की सहायता से यूनिवर्सिटी इस बात का ध्यान रख पाई कि स्टूडेंट्स द्वारा जमा की जाने वाली पूरी फीस सही स्थान तक पहुंचे और ये भी कि कोई भी स्टूडेंट फीस देने से चूक न जाए. कई बार कुछ कॉलेजेस पूरी फीस यूनिवर्सिटी को ट्रांसफर करने में चूक कर देते थे. इस पोर्टल की सहायता से इस समस्या से निजात पाने में मदद मिली.
मुश्किल था फीस का रिकॉर्ड रखना –
इस बारे में बात करते हुए यूनिवर्सिटी के अधिकारियों का कहना है कि समर्थ पोर्टल ने फीस कलेक्शन को एक सेंट्रलाइज्ड प्रॉसेस बना दिया है. पहले कॉलेजेस फीस कलेक्ट करते तो थे लेकिन कुछ कॉलेज पूरी फीस जमा नहीं कर पाते थे. इस तरह स्टूडेंट्स की कुल संख्या पर नजर रखना और उनकी संबंधित कॉलेजेस से फीस आई कि नहीं ये पता लगाना कठिन हो जाता था. लेकिन समर्थ पोर्टल की मदद से ये काम आसानी से किया जा सकता है.
आजकल सेमेस्टर एग्जाम हो रहे हैं आयोजित –
यूनिवर्सिटी में कोविड आने के बाद से ओपेन बुक एग्जाम हो रहे हैं और आजकल सेमेस्टर एग्जाम्स चल रहे हैं. प्रत्येक स्टूडेंट को हर सेमेस्टर में मिनिमम 500 रुपए एग्जामिनेशन फीस देनी होती है. इसके साथ ही उन्हें 200 रुपए प्रैक्टिकल फीस भी भरनी होती है. एक्स-स्टूडेंट्स जो री-एग्जाम के लिए आते हैं उन्हें भी 500 रुपए का भुगतान करना होता है.
इस बारे में एग्जामिनेशन डीन डीएस रावत का कहना है कि यूनिवर्सिटी को 1.4 लाख स्टूडेंट्स का डेटा समर्थ पोर्टल पर अपलोड करने में तीन महीने से ज्यादा का समय लगा. इससे ही ये जानकारी सामने आई है.
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