Delhi University: दिल्ली यूनिवर्सिटी ने बदला नियम! अगले क्लास में जाने के लिए लाने होंगे इतने क्रेडिट स्कोर
Delhi University News: दिल्ली विश्वविद्यालय में क्रेडिट स्कोर को लेकर बड़ा फैसला किया गया है. इसकी जानकारी खुद डीन प्रोफेसर बलराम पाणी ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत में दी है.
![Delhi University: दिल्ली यूनिवर्सिटी ने बदला नियम! अगले क्लास में जाने के लिए लाने होंगे इतने क्रेडिट स्कोर Delhi university did a change in its credit score rules for promotions in class ann Delhi University: दिल्ली यूनिवर्सिटी ने बदला नियम! अगले क्लास में जाने के लिए लाने होंगे इतने क्रेडिट स्कोर](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/07/25/a51d0357885ea1db7d2c25aae6e4b3b81721894840236490_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Delhi University Latest News: दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) के डीन प्रोफेसर बलराम पाणी (Balram Pani) ने एक कक्षा से दूसरी कक्षा में जाने के लिए पासिंग मार्क्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है. यह बात बलराम पाणी ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत में कही. बलराम पाणी ने कहा कि पासिंग मार्क्स 40 प्रतिशत ही है. जिस 63 प्रतिशत की बात हो रही है वह क्रेडिट्स की बात हो रही है. अब छात्र-छात्राओं को कुल 63 प्रतिशत क्रेडिट्स चाहिए होंगे.
प्रोफेसर बलराम ने कहा कि प्रति वर्ष 44 क्रेडिट हैं , जिसमें से कम से कम प्रमोशन के लिए 28 क्रेडिट पास करने होंगे. क्रेडिट सिस्टम वेबसाइट पर दिया गया है. दिल्ली यूनिवर्सिटी का क्रेडिट सिस्टम एक स्मार्ट मूव है. पहले 50 प्रतिशत ऑफ टोटल कोर्स क्राइटेरिया था. दबाव को कम करने के लिए यह कदम उठाया है जिससे छात्र को आखरी साल तक पास करने के लिए बहुत सारे पेपर ना हों.
बता दें कि ऐसी जानकारी दी गई है कि किसी भी छात्र को कोर्स के पहले साल से दूसरे साल में प्रमोशन लेने के लिए, पहले और दूसरे सेमेस्टर में कुल 50 प्रतिशत परीक्षाएं पास करनी होती थीं. छात्रों को प्रमोशन लेने के लिए 7 पेपर पास करने होते थे और कुल 22 क्रेडिट हासिल करने होते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है. अब छात्र को 28 क्रेडिट हासिल करने होंगे.
विषयों के अनुसार क्रेडिट में भी अंतर
कमिटी के मेंबर से मिली जानकारी के मुताबिक NEP- UGCF (अंडरग्रेजुएट करिकुलम फ्रेमवर्क) 2022 के तहत सभी पेपरों के क्रेडिट बराबर नहीं हैं, किसी के कम तो किसी पेपर के ज्यादा क्रेडिट स्कोर हैं. लिहाज़ा ऐसा भी संभव है कि एक छात्र दोनों सेमेस्टर के सिर्फ तीन पेपर और एक जनरल इलेक्टिव पेपर को केवल 36 प्रतिशत अंकों के साथ पास करके अगले वर्ष में प्रमोट हो जाए.
फैसले के पीछे यह है वजह
यह भी बताया गया है कि जो छात्र कॉलेज को खेल प्रतियोगिताओं में, राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) और राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) में दिल्ली विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं उन्हें कॉलेज की इजाज़त के बाद इस क्राइटेरिया से छूट दी जा सकती है. दिल्ली विश्वविद्यालय में यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को इंप्लेंट करने में आ रही कमी के बाद लिया गया है.
ये भी पढ़ें- आम आदमी पार्टी को नया कार्यालय आवंटित, अब होगा ये पता
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)