Delhi University Orphan Children Reservation: दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) ने अपनी सभी कक्षाओं में अनाथ बच्चों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया है. डीयू की बैठक में लिए गए फैसले से उन अनाथ बच्चों को आगे की पढ़ाई की सुविधा मिल सकेगी, जो मेधावी तो हैं, लेकिन आर्थिक आभाव में चाह कर भी अपनी पढ़ाई नहीं जारी रख सकते हैं. ये आरक्षण दिल्ली यूनिवर्सिटी के सभी कॉलेजों में लागू होगा, जहां अनाथ बच्चों को पढ़ाई के खर्चों के बारे में सोचने की जरूरत नहीं पड़ेगी.


डीयू की शुक्रवार को हुई कार्यकारी परिषद की बैठक में चर्चा के बाद इस विषय पर फैसला लिया गया. इसमें यह फैसला लिया गया कि अनाथ मेधावी बच्चों को आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए कॉलेज की फीस, होस्टल चार्ज, एक्जाम फीस सहित अनिवार्य देय फीस को वहन करने की जरूरत नहीं होगी. उन्हें निःशुल्क पढ़ने और रहने-खाने की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी.


इन कक्षाओं में एक-एक सीट होगी आरक्षित


डीयू प्रशासन के अनुसार इससे हर साल उन हजारों अनाथ बच्चों को उच्च शिक्षा का मौका मिल सकेगा, जो आर्थिक अभाव में अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख सकते हैं. डीयू के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि डीयू के सभी कॉलेजों और विभागों में अनाथ लड़के और लड़कियों के लिए अंडर ग्रेजुएशट (यूजी) और पोस्ट ग्रेजुएशट (पीजी) दोनों स्तरों पर सभी कक्षाओं में एक-एक सीट आरक्षित होगी. आरक्षित सीटों पर दाखिला पाने वाले इन बच्चों की पढ़ाई और हॉस्टल फीस पूरी तरह से माफ होगी.


'डीयू ने सामाजिक जिम्मेदारी के तहत लिया फैसला'


कुलपति ने कहा कि डीयू समाज के हर वर्ग को उच्च शिक्षा प्रदान करने के महत्व को समझता है, इनमें वे छात्र भी शामिल हैं, जो दुर्भाग्यवश अनाथ हो गए हैं. डीयू की यह सामाजिक जिम्मेदारी है कि ऐसे छात्रों की सहायता करें. इसी जिम्मेदारी को समझते हुए डीयू में यूजी और पीजी दोनों स्तरों पर अध्ययन के प्रत्येक कार्य‍ में अनाथ स्टूडेंट्स के लिए एक-एक अतिरिक्त सीट क्रिएट करने पर विचार किया गया है. ऐसे स्टूडेंट को हर प्रकार के फीस के भुगतान से छूट दी जाएगी.


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