दिल्ली विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित की जाने वाली सीयूईटी परीक्षा के लिए यूजीसी के दिशानिर्देशों के अनुसार जानकारी दी है. जिसमें बताया गया है कि सीयूईटी के लिए दो कैटगरी से विषय चुनना होगा जिसमें बी1 और बी2 शामिल हैं. अगर किसी छात्र ने बी2 वाली सब्जेक्ट नहीं पढ़ी है तो वह बी1 से ही अधिकतम तीन विषय चुन सकता है. बी1 कैटगरी में मुख्य विषय हैं और बी2 में स्किल आधारित विषयों की लिस्ट है.


यह क्राइटेरिया विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद ने मंगलवार को पारित किया है. हालांकि, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि कॉलेज स्तर पर यह किस तरह से काम करेगी, खासकर काउंसलिंग, सीटों के आवंटन और कॉलेजों की रैंकिंग के लिए. अब आप इन अंकों के आधार पर किसी भी पाठ्यक्रम के लिए आवेदन कर सकते हैं और पहले के विपरीत जब किसी छात्र ने बारहवीं कक्षा में विषय का अध्ययन नहीं किया था, तो 2.5% की कटौती होती थी हालांकि अब ऐसी कोई शर्त नहीं होगी.


Gurugram Vaccination Update: 12-15 साल के बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीनेशन ड्राइव में आई तेजी, जानिए आंकड़े


इस क्राइटेरिया को लेकर अंग्रेजी शिक्षक और एकेडमिक काउंसिल के सदस्य, मिथुनराज धूसिया ने बताया कि आप जिस विषय के लिए परीक्षा देते हैं, वह उस पाठ्यक्रम से अलग हो सकता है जिसके लिए आप आवेदन करते हैं. इसमें केवल स्कोर देखा जाएगा. मान लो अगर कोई विज्ञान विषय का छात्र इतिहास लेना चाहता है तो उसे विज्ञान विषयों की परीक्षा देनी होगी और छात्र को विज्ञान विषयों में मिले अंकों के आधार पर आंका जाएगा.


दिल्ली विश्वविद्यालय में अब भौतिकी और रसायन विज्ञान (एच) के लिए सीयूईटी स्कोर भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित का संयोजन होगा. हालांकि अर्थशास्त्र (एच) के लिए आवेदन करने में सक्षम होने के लिए गणित विषयों में से एक विषय होना चाहिए, जिसमें से अन्य दो विषयों को बी1 और बी2 में से चुना जा सकता है. बीकॉम (एच) के लिए भी गणित अनिवार्य होगा.