Delhi News: भारत की प्रथम महिला अध्यापिका सावित्री बाई फुले के जन्मदिन पर वीर सावरकर के नाम पर दिल्ली विश्वविद्यालय के नए कॉलेज का नाम वीर सावरकर कॉलेज रखने को लेकर स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने जताई आपत्ति SFI जल्द ही दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह को इससे संबंधित पत्र लिखेंगे. SFI द्वारा कल ( 4 जनवरी ) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ओपन लेटर भी लिखा जाएगा.
पोस्ट में लिखा है
"सावित्रीबाई फुले की जयंती पर हम पूछते हैं कि क्या हमारे विश्वविद्यालयों कायू नाम उनके नाम पर रखा जाए, जिन्होंने सामाजिक प्रतिबंधों को चुनौतीयू दी और सबसे अधिक उत्पीड़ित वर्ग: दलितों और महिलाओं के लिए शिक्षा की जिम्मेदारी उठाई या फिर इसका नाम सावरकर जैसे व्यक्ति के नाम पर रखा जाना चाहिए, जो माफ़ी मांगने, औपनिवेशिक अधिकारियों की चाटुकारिता करने और महिलाओं का अपमान करने में माहिर थे?"
SFI की दिल्ली स्टेट सेक्रेटरी और JNUSU ( जवाहरलाल नेहरू छात्र संघ ) की पूर्व अध्यक्ष आईशी घोष कहती हैं कि सावरकर मनुस्मृति का अनुसरण करने वाला एक व्यक्ति था. मनुस्मृति महिलाओं , दलितों को शिक्षा के अधिकार से वंचित रखने के लिए बनाई गई थी.
शिक्षा के अवसर को देना है बढ़ावा
दरअसल 3 जनवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के दो नए कैंपस और हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर के नाम पर एक कॉलेज की आधारशिला रखी. यह परियोजना 600 करोड़ रुपये से अधिक की है जिसके माध्यम से शिक्षा के अवसर को बढ़ावा देना है.
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