Delhi News: दिल्ली विश्वविद्यालय एग्जीक्यूटिव काउंसिल (EC) की बैठक शुक्रवार दोपहर 12 बजे से जारी है. डीयू के रजिस्ट्रार विकास गुप्ता के अनुसार पाठ्यक्रम में बदलाव के कई प्रस्तावों पर अब तक निर्णय लिया जा चुका है. इनमें वीर सावरकर को डीयू के पाठ्यक्रम में शामिल करने का फैसला भी शामिल है. बीए पॉलिटिकल साइंस 5वें सेमेस्‍टर के पाठ्यक्रम में वीर सावरकर की फिलॉसफी को शामिल किया जाएगा. दूसरी तरफ कवि मोहम्मद इकबाल की रचनाओं को डीयू के पाठ्यक्रम से हटाने का निर्णय लिया गया है. 


अभी तक की जानकारी के अनुसार दिल्ली यूनिवर्सिटी की एकेडमिक काउंसिल (AC) ने इन बदलावों को लेकर प्रस्ताव करीब एक हफ्ते पहले ईसी के पास भेजा था. डीयू ईसी की बैठक आज सुबह 12 बजे से जारी है. एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक शाम 6 बजे तक चलने की संभावना है. ईसी के इस फैसले से पहले वीर सावरकर दिल्ली विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल नहीं थे.जबकि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को पांचवें सेमेस्टर में पढ़ाया जाता रहा है. 


गांधी से पहले सावरकर को शामिल करना गलत 


डीयू ईसी के ताजा फैसले के बाद अब वीर सावरकर को बीए पाठ्यक्रम के पांचवें सेमेस्टर में, बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को छठे सेमेस्टर और महात्मा गांधी को सातवें में सेमेस्टर में शामिल किया गया है. एकेडमिक काउंसिल के मेंबर आलोक रंजन पांडे के मुताबिक सावरकर को पढ़ाए जाने पर हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उन्हें गांधी और उनकी शिक्षाओं से पहले नहीं पढ़ाया जाना चाहिए. बता दें क दिल्‍ली यूनिवर्सिटी के इस फैसले के बाद ग्रेजुएशन कोर्स के सिलेबस में विनायक दामोदर वीर सावरकर की विचारधारा पर कुछ चैप्टर जोड़े जाएंगे. डीयू के पाठ्यक्रमों में बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत किए जा रहे हैं. यहां पर इस बात का भी जिक्र कर दें कि वीर सावरकर को पाठ्यक्रम में जोड़ने को लेकर लंबे अरसे से डीयू के एक गुट द्वारा विरोध किया जा रहा था. 


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