दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 12 कॉलेजों में शिक्षकों को मार्च में वेतन का नहीं दिया गया है. इस बात को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ कुलपति को एक लेटर लिखा है. जिसमें उसने धन जारी न करने की बात कही है और इस मामले पर कार्यकारी परिषद की विशेष बैठक बुलाए जाने की मांग की है. कुलपति को लिखे लेटर में दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने सुझाव दिया है दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 28 कॉलेजों के दिल्ली सरकार के नामितों को तत्काल प्रभाव से शासी निकायों से वापस ले लिया जाए. क्योंकि सरकार कर्मचारियों को समय पर वेतन का भुगतान नहीं कर पा रही है.
दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष एके भागी ने सोमवार को डीयू के वीसी योगेश सिंह को लेटर लिखते हुए बताया आपका ध्यान सरकार द्वारा वित्त पोषित दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों के 12 कॉलेजों की विभिन्न सेवाओं में शामिल शिक्षण कर्मचारियों, गैर-शिक्षण कर्मचारियों, संविदा कर्मचारियों आदि के सामने आने वाली सबसे अधिक समस्या की ओर आकर्षित किया जाता है. इनमें से अधिकांश कॉलेजों में दिल्ली सरकार द्वारा फंड जारी न करने के कारण मार्च महीने का शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन का भुगतान नहीं किया गया है.
एक भागी ने इस मामले पर अधिक लिखते हुए बताया कि यह सरकार के लिए एक सामान् बात होती जा रही है. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इन कॉलेजों में ऑडिट करवाया था, लेकिन फिर भी कुछ नहीं मिला. दिल्ली सरकार ने न केवल बारह कॉलेजों के अनुदान में कटौती की है, जो दिल्ली सरकार द्वारा 100% वित्त पोषित हैं, बल्कि दिल्ली सरकार ने सोलह कॉलेजों को अपना पांच प्रतिशत फंड शेयर जारी नहीं किया है. इस कटौती की वजह से इन कॉलेजों में सामान्य सफाई, प्रयोगशाला सुविधाएं, क्लास की सुविधाएं, स्वच्छ पानी सहित कई समस्याएं आ रही हैं.