Delhi University News: सहायक प्रोफेसर्स की नियुक्ति (Assistant Professors Appointment) को लेकर दिल्ली विश्वविद्याल के नए वीसी (Delhi University New Vice chancellor ) को शिक्षक संगठनों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है. शुक्रवार को शिक्षक संगठन डूटा (DUTA) ने दिल्ली विश्वविद्यालय में हड़ताल का एलान किया है. डूटा ने दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन को नियुक्ति प्रक्रिया में 4 हजार तदर्थ शिक्षकों की अनदेखी के खिलाफ चेतावनी दी है. 


दिल्ली विश्वविद्यालय में आज विश्वविद्यालय की एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक होनी है. इस बैठक के लिए तय किए गए कुछ एजेंडा प्रावधानों को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ यानी डूटा ने भी अपनी आपत्ति दर्ज की है. दिल्ली विश्वविद्यालय की तरफ से सहायक प्रोफेसर्स की भर्ती प्रक्रिया के लिए ये नए प्रावधन किए गए हैं. शिक्षकों ने इस प्रावधान पर विरोध जताते हुए कहा है कि इससे दिल्ली विश्वविद्यालय में कार्यरत 4000 शिक्षक तदर्थ और अस्थायी शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे. डीटीएफ की सचिव प्रोफेसर आभा देव हबीब ने शिक्षकों से वीसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन के लिए बड़ी संख्या में आने की अपील की है. 


डीटीएफ ने शिक्षकों का आह्वान किया है कि शुक्रवार को हड़ताल और प्रदर्शन में बड़ी संख्या में शामिल हों ताकि नवनियुक्त कुलपति को कड़ा संदेश दिया जा सके कि डीयू के शिक्षक अवशोषण चाहते हैं और इससे कुछ कम नहीं. प्रोफेसर आभा देव हबीब ने कहा कि ये चौंकाने वाला है कि कार्यकारी परिषद की अपनी पहली बैठक में, एक एजेंडा आइटम लाया गया है जो 5 दिसंबर के चर्चा रिकॉर्ड के खिलाफ है. जिसने सभी सेवारत तदर्थ शिक्षकों को साक्षात्कार के लिए उपस्थित होने की अनुमति दी थी.


अब चयन समिति को 100 फीसदी वेटेज देना तदर्थ शिक्षकों का विस्थापन एक वास्तविक खतरा है. उन हजारों तदर्थ शिक्षकों का क्या होगा जिन्होंने विकट परिस्थितियों में विश्वविद्यालय की सेवा में अपना सर्वश्रेष्ठ वर्ष दिया है. लिहाजा वीसी को बताना चाहिए कि हम 5 दिसंबर के रिकॉर्ड ऑफ डिस्कशन का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं करेंगे. एजेंडा 5.1 को वापस ले लिया जाए और हम अस्थायी और तदर्थ शिक्षकों के अवशोषण के लिए वन टाइम यूजीसी रेगुलेशन को लागू करेंगे.


वहीं दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति को एक एक ज्ञापन सौंपा है. इस ज्ञापन में वाइस चांसलर प्रोफेसर योगेश सिंह से मांग की है कि दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध विभिन्न कॉलेजों में एडहॉक शिक्षकों का शीघ्र नियमतिकरण, समायोजन, स्थायीकरण किया जाए जो वर्षो से स्थायी होने की बाट जोह रहे हैं. 


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