DU Admissions 2022-23: दिल्ली यूनिवर्सिटी में कॉमन सीट एलोकेशन सिस्टम से मिलेगा दाखिला, तीन चरणों में पूरी होगी प्रक्रिया
Delhi University Admission 2022: दिल्ली यूनिवर्सिटी में अंडर ग्रेजुएट कोर्सेस में एडमिशन सेंट्रल सीट एलोकेशन सिस्टम पद्धति से लिए जाएंगे. इसके लिए छात्रों को एक केंद्रीयकृत पोर्टल पर आवेदन करना होगा.
Delhi University Admissions 2022 Through CSAS Method: दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) में इस साल से एडमिशन लेने के लिए कैंडिडेट्स को सेंट्रल सीट एलोकेशन सिस्टम (CSAS) मैथ्ड का पालन करना होगा. इसके तहत उन्हें एक सेंट्रल पोर्टल पर आवेदन करना होगा और तीन चरणों को पूरा करने के बाद उनका एडमिशन (Delhi University Admissions 2022) फाइनल स्टेज पर पहुंचेगा. कैंडिडेट्स को कॉमन सीट एलोकेशन सिस्टम (DU CSAS Admission 2022) के माध्यम से एडमिशन दिया जाएगा. पहली बार डीयू के स्टूडेंट्स को फ्रीज, अपग्रेड के अलावा मिड एंट्री का भी ऑप्शन दिया जा रहा है.
तीन चरणों में पूरी होगी एडमिशन प्रक्रिया –
छात्रों की एडमिशन प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी होगी. पहले चरण में उन्हें सीएसएएस पोर्टल पर एप्लीकेशन भरना होगा. दूसरे चरण में वे कॉलेज और कोर्स का चुनाव करेंगे और अपनी प्राथमिकता भरेंगे. तीसरे चरण में सीटों की उपलब्धता और मेरिट लिस्ट के आधार पर सीटें एलॉट की जाएंगी और फाइनल एडमिशन होगा.
रजिस्ट्रेशन शुल्क अभी तय नहीं –
डीयू के विभिन्न कोर्सेस में एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन फीस अभी तय नहीं की गई है. जहां तक आवेदन की बात है तो पोर्टल पर लॉगिन करने के बाद कैंडिडेट्स को डैशबोर्ड के प्रोग्राम सेक्शन पर जाना होगा. यहां उसके द्वारा चुने गए प्रोग्राम किन कॉलेजों में उपलब्ध हैं, ये दिखेगा. छात्र जिस कॉलेज को चुनते हैं उसकी मेरिट के आधार पर उन्हें एडमिशन मिलेगा. छात्रों को फ्रीज यानी एडमिशन लेने की स्वीकृति या अपग्रेड यानी आगे की काउंसलिंग में भाग लेने की प्रार्थना में से एक विकल्प चुनना होगा.
पहली बार मिलेगी मिड एंट्री –
एक तरफ जहां एडमिशन के लिए सीयूईटी रिजल्ट की प्रतीक्षा होगी. वहीं दूसरी तरफ पहली बार छात्रों को मिड एंट्री की सुविधा दी जाएगी. इसका लाभ छात्र 1000 रुपए शुल्क देकर उठा सकते हैं. इसका फायदा उन छात्रों को मिलेगा जो पात्र होने के बावजूद दाखिला नहीं ले पाए. जैसे डॉक्यूमेंट्स के कारण एडमिशन रिजेक्ट होना या तय समय पर रजिस्ट्रेशन न करा पाना आदि. पहले से रजिस्टर्ड स्टूडेंट्स का एडमिशन होने के बाद बची सीटों पर मिड लेवल एंट्री से एडमिशन मिलेगा.
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