Delhi University Admissions: दिल्ली यूनिवर्सिटी अगले साल से अंडग्रेजुएड कोर्सेस में एडमिशन के लिए अपना सकती है नया 50-50 फॉर्मूला, जानें डिटेल्स
Delhi University Admissions 2022-23: दिल्ली यूनिवर्सिटी अगले साल से लागू कर सकती है यूजी कोर्सेस में एडमिशन के लिए 50-50 फॉर्मूला, जानें क्या है योजना.

जब 12वीं के बाद एडमिशन लेने के बारी आती है तो अधिकतर स्टूडेंट्स दिल्ली यूनिवर्सिटी का चुनाव करना चाहते हैं. इसी कारण से यहां की कट-ऑफ लिस्ट और मेरिट लिस्ट को पार करना इतना कठिन होता है कि ज्यादातर स्टूडेंट्स दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने का सपना ही देखते रह जाते हैं. यही नहीं कई स्टूडेंट्स जिनके बोर्ड में 95% तक नंबर भी आए होते हैं उन्हें भी दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन नहीं मिलता. यहां के एडमिशन प्रॉसेस को लेकर समय-समय पर सवाल भी खड़े होते रहते हैं.
इसी क्रम में हाल ही में दिल्ली यूनिवर्सिटी की तरफ से कहा गया था कि वे एडमिशंस के लिए एंट्रेंस एग्जाम लेने की प्रक्रिया का चयन कर सकते हैं. इसके साथ ही उनकी योजना है कि अगले साल से दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज में 50-50 फार्मूले पर एडमिशन लिए जाएं.
क्या है 50-50 फार्मूला -
दरअसल दिल्ली यूनिवर्सिटी का 50-50 फार्मूला यह है कि स्टूडेंट्स को एडमिशन देते समय उनके बोर्ड के अंकों को 50% वेटेज दिया जाए और प्रवेश परीक्षा को अंकों को 50% वेटेज दिया जाए. कुल मिलाकर स्टूडेंट्स का एडमिशन उनकी बोर्ड परीक्षाओं के प्रदर्शन और एंट्रेंस टेस्ट के परीक्षा में किए गए प्रदर्शन को मिलाकर किया जाए.
इस 50-50 रेशियो के आधार पर अगले साल से दिल्ली यूनिवर्सिटी अंडरग्रेजुएट कोर्सेज में एडमिशन लेने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है. इस पर विचार-विमर्श चल रहा है.
अभी होता है कट ऑफ बेसिस पर एडमिशन -
दिल्ली यूनिवर्सिटी के यूजी कोर्सेज में अभी कट-ऑफ बेसिस पर एडमिशन लिया जाता है. इस बार कुछ कॉलेजेस की मेरिट लिस्ट 100% तक गई. इतनी हाई मेरिट लिस्ट तक पहुंचना अधिकतर स्टूडेंट्स के लिए संभव नहीं होता और इसमें उनके बोर्ड का भी अहम रोल होता है. कुछ बोर्ड्स में बहुत सख्त मार्किंग होती है. ऐसे स्टूडेंट्स के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन पाना खासा मुश्किल हो जाता है. ऐसे बहुत से पहलुओं पर विचार करते हुए दिल्ली यूनिवर्सिटी के यूजी कोर्सेज में एडमिशन के तरीके को बदलने पर मंत्रणा चल रही है.
चुना जा सकते है इनमें से कोई भी ऑप्शन -
मीडिया रिपोर्ट्स के मानें तो दिल्ली यूनिवर्सिटी एडमिशन लेने के कई तरीकों पर विचार कर रहा है. पहला तरीका तो यह है कि जो सिस्टम चल रहा है वह वैसा ही चलता रहे. दूसरा यह है कि बहुत से बोर्ड्स के अंकों को नॉर्मलाइज कर दिया जाए. तीसरा यह है कि यूजी कोर्सेज में एडमिशन के लिए एंट्रेंस टेस्ट लिया जाए और चौथा और आखिरी तरीका यह है कि एंट्रेंस टेस्ट और बोर्ड एग्जाम के मार्क्स को 50%-50% वेटेज दिया जाए.
एकेडमिक काउंसिल इस बारे में विचार कर रही है कि किस तरीके को अपनाया जाए. देखना यह है कि अगले साल से दिल्ली यूनिवर्सिटी के यूजी कोर्सेज में एडमिशन के लिए क्या फार्मूला अपनाया जाता है.
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