Delhi: द्वारका में भी मनाया जाएगा वन महोत्सव, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय बोले- 'इस साल 52 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य'
Van Mahothsav Dwarka: दिल्ली के द्वारका मेला ग्राउंड में भी वन महोत्सव मनाया जाएगा. इसमें स्थानीय आरडब्ल्यूए के सदस्य, इको क्लब के बच्चे और अन्य लोग शामिल होंगे.
Van Mahothsav In Delhi: दिल्ली (Delhi) में ग्रीन कवर को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वन महोत्सव (Van Mahothsav) मनाया जा रहा है. इसके तहत पौधा वितरण, वृक्षारोपण और झाड़ियों को लगा कर दिल्ली में हरित क्षेत्र को बढ़ावा देने की पहल की जा रही है. इसी कड़ी में 23 जुलाई को द्वारका (Dwarka) मेला ग्राउंड में भी वन महोत्सव मनाया जाएगा. इसमें स्थानीय आरडब्ल्यूए के सदस्य, इको क्लब के बच्चे और अन्य लोग शामिल होंगे.
इसे लेकर दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने कहा "यहां प्रदूषण एक बड़ी चुनौती है. इससे निपटने के लिए दिल्ली सरकार लगातार प्रयासरत है. इसके परिणामस्वरूप राजधानी के प्रदूषण स्तर में कमी भी आई है. साथ ही हरित क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. समर एक्शन प्लान के 14 बिन्दुओ में शामिल वृक्षारोपण महा अभियान को गति देने के लिए नौ जुलाई को आईएआरआई पूसा से शुरू हुए वन महोत्सव कार्यक्रम की कड़ी में द्वारका मेला ग्राउंड में वन महोत्सव मनाया जा रहा है."
इस साल 52 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य
उन्होंने कहा कि हालांकि, बाढ़ के चलते उत्तर पूर्व दिल्ली के लोकसभा क्षेत्र में इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है, लेकिन जल्दी ही इसके तारीख की घोषणा की जाएगी. पर्यावरण मंत्री ने कहा कि दिल्ली में हमारी सरकार बनने के बाद 2020 से 2022-23 तक दिल्ली 1.18 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं. वहीं इस साल 52 लाख पौधों को लगाने का लक्ष्य है. इसमें 21 विभाग सहयोग करेंगे और इस लक्ष्य को हालिल किया जाएगा.
सीएम केजरीवाल ने क्या कहा
उन्होंने कहा कि इसमें एनडीएमसी का अहम योगदान होगा. 14 सरकारी नर्सरियों से नि:शुल्क औषधीय पौधे लोगों के बीच वितरित किए जाएंगे. वहीं शनिवार को वन महोत्सव कार्यक्रम के दौरान सीएम केजरीवाल ने कहा कि जब भी किसी शहर का विकास नई-नई इमारतें बनती हैं, सड़कें बनती हैं, तो बहुत बड़े स्तर पर पेड़ों को काटा जाता है. उससे उस उस शहर की हरियाली कम होती चली जाती है, लेकिन दिल्ली का तो तेजी से विकास हुआ है.
सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली का ग्रीन कवर कम होने की बजाय बढ़ता जा रहा है. यानि दिल्ली का जो विकास हो रहा है, वो ईको फ्रेंडली विकास है. 2001 में दिल्ली का सिर्फ 10 फीसदी हिस्सा ग्रीन कवर में आता था. 2014 में 20 फीसदी हिस्सा ग्रीन कवर में आता था और आज राज्य का 23 फीसदी हिस्सा ग्रीन कवर में आता है.