Delhi High Court: बीते दिनों राजधानी दिल्ली (Delhi) में आबकारी आयुक्त (Excise Commissioner) ने "शराब की कीमतों में छूट देने पर रोक" लगा दी गई थी. आबकारी आयुक्त के इस आदेश को कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिस पर सिंगल बेंच वाली पीठ ने सुनवाई के बाद "शराब की कीमतों में छूट पर रोक" संबंधी आबकारी आयुक्त के आदेश चुनौती देने वाली याचिका को ख़ारिज कर दिया. सिंगल बेंच वाली पीठ के इस आदेश के बाद, शराब विक्रेताओं ने दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) का दरवाजा खटखटाया है, जिसके बाद इस मामले को लेकर हाई कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया.
दिल्ली हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता ने दिया यह तर्क
जस्टिस मुक्ता गुप्ता और नीना बंसल कृष्णा की बेंच वाली हाई कोर्ट की पीठ के जरिये दिल्ली सरकार को जारी नोटिस को, राज्य सरकार के वकील ने स्वीकार कर लिया है. इस याचिक हाई कोर्ट की बेंच सोमवार को सुनवाई करेगी.
हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता का पक्ष रखने लिए सीनियर वकील मुकुल रोहतगी पेश हुए, कोर्ट के सामने उन्होंने याचिककर्ता का पक्ष रखते हुए तर्क दिया कि, "आबकारी आयुक्त के जरिये, शराब की कीमतों पर दी जाने वाली छूट पर रोक लगाने का आदेश मनमाना था. उनके पास नीति में संशोधन करके, ऐसा आदेश जारी करने का कोई अधिकार नहीं है."
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नियम बदलना चाहते हैं, तो लाइसेंस शुल्क करें वापस
सीनियर वकील मुकुल रोहतगी ने जिरह के दौरान कहा कि, "शराब विक्रेताओं को नई आबकारी नीति के अनुसार छूट देने का पूरा अधिकार है, जब इसे शुरू किया गया है तो सरकार नियम नहीं बदल सकती है." उन्होंने जिरह के दौरान आगे कहा कि, "अगर आप नियम बदलना चाहते हैं, तो मेरा लाइसेंस शुल्क वापस कर दें. इस आदेश को पारित हुए दो हफ्ते हो गए हैं और बिक्री 50 फीसद नीचे आ गई.
सिंगल बेंच वाली कोर्ट ने दिया था यह आदेश
आबकारी आयुक्त के "शराब की कीमतों में छूट पर रोक" लगाने के आदेश पर सुनवाई करते हुए, सिंगल बेंच वाली पीठ ने याचिकाकर्ताओं के आवेदन को खारिज कर दिया था. सुनवाई के दौरान ने जस्टिस वी. कामेश्वर राव ने कहा था कि, "आवेदन में याचिकाकर्ताओं द्वारा किए गए आग्रह को स्वीकार नहीं किया जा सकता है. प्रतिवादियों को एक सप्ताह के भीतर रिट याचिका के जरिये, विस्तृत जवाबी हलफनामा दायर करने का समय दिया था. जस्टिस राव ने आगे कहा था कि, "मैं डॉ. सिंघवी की दलील से सहमत हूं क्योंकि, आक्षेपित आदेश के किसी भी स्थगन से बाजार में विकृतियां और उसके बाद के परिणाम अलग हो सकते है.
हिंदुस्तान में छपी खबर मुताबिक, दिल्ली सरकार के आबकारी, मनोरंजन और विलासिता कर विभाग के आयुक्त (आबकारी) द्वारा जारी 28 फरवरी, 2022 के आदेश को चुनौती देते हुए, खुदरा शराब विक्रेताओ ने वकील संजय एबॉट के माध्यम से आवेदन किया था. जहां दिल्ली सरकार के वकील ने अपना पक्ष रखते हुए तर्क दिया था कि, फरवरी 2022 के महीने में, कुछ खुदरा L7Z लाइसेंसधारियों ने शराब की दामों पर भारी छूट या ऑफर देना शुरू कर दिया, जिसमें 'एक खरीदो एक मुफ्त पाओ' और 'एक खरीदो और दो मुफ्त' आदि शामिल हैं. इससे बाजार में कालाबाजारी और उहापोह की स्थिति पैदा हो जाति है.
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