Delhi News: उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा ने देश के लोकतंत्र को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. वर्ष 1952 में आज ही के दिन (13 मई) राज्यसभा का पहला सत्र बुलाया गया था. इसका उल्लेख करते हुए राज्यसभा के सभापति नायडू ने सिलसिलेवार ट्वीट में उक्त बातें कही और सांसदों से संविधान निर्माताओं के सपनों को साकार करने की दिशा में काम करने की अपील की.


देश में पहली बार कब बुलाया गया था राज्यसभा का पहला सत्र?


उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘13 मई 1952 को आज ही के दिन राज्यसभा का पहला सत्र आहूत किया गया था. तब से ले कर आज तक भारतीय संसद के उच्च सदन ने हमारे लोकतंत्र को मजबूत करने में महत्ती भूमिका निभायी है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘माननीय सदस्यों का आह्वान करता हूं कि वे हमारे संविधान निर्माताओं की अपेक्षाओं को साकार करें, लोकतांत्रिक विमर्श को समृद्ध करें और संसदीय आचरण के अनुकरणीय मानदंड स्थापित करें.’’


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कौन थे राज्यसभा के पहले सभापति?


वेंकैया नायडू ने इस अवसर पर राज्यसभा के सदस्यों और सचिवालय के सभी कर्मचारियों को शुभकामनाएं दी. ज्ञात हो कि पहली बार 3 अप्रैल 1952 को राज्यसभा गठित की गई थी और इसकी पहली बैठक 13 मई 1952 को हुई थी. इसे पहले ‘‘काउंसिल ऑफ स्टेट्स’’ कहा जाता था. 23 अगस्त, 1954 को ‘‘काउंसिल ऑफ स्टेट्स को हिन्दी में 'राज्यसभा' कहे जाने की घोषणा हुई थी. देश के पहले उपराष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन राज्यसभा के पहले सभापति थे.


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