दिल्ली पुलिस ने इंस्टाग्राम पर मॉडल बनकर कुख्यात गैंगस्टर को पकड़ा, दो पिस्टल और आठ कारतूस बरामद
Delhi Crime: दिल्ली पुलिस ने एक वांछित गैंगस्टर मनोज उर्फ अर्जुन को गिरफ्तार किया है. वह हत्या, फिरौती, डकैती और लूट जैसे अपराधों में शामिल था. वह पैरोल तोड़कर फरार हो गया था.

Delhi News: दिल्ली क्राइम ब्रांच की एक शानदार रणनीति के तहत पुलिस ने वांछित गैंगस्टर मनोज उर्फ अर्जुन को गिरफ्तार कर लिया है. यह अपराधी न केवल हत्या, फिरौती, डकैती और लूट जैसी संगीन वारदातों में शामिल था, बल्कि दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा उम्रकैद की सजा पाए जाने के बावजूद पैरोल तोड़कर फरार हो चुका था.
डीसीपी क्राइम ब्रांच ने बताया कि क्राइम ब्रांच की टीम को सूचना मिली थी कि मनोज उर्फ अर्जुन इंस्टाग्राम पर सक्रिय है. इस सुराग को भुनाने के लिए मुख्य सिपाही दिनेश और मुख्य सिपाही सुखबीर ने मुंबई की एक मॉडल के नाम से फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट बनाया और उससे गैंगस्टर से संपर्क साधा.
BREAKING NEWS: One of the Most Wanted Interstate Gangsters, Manoj @ Arjun, Arrested by NDR/Crime Branch! 🚨👮♂️
— Crime Branch Delhi Police (@CrimeBranchDP) March 21, 2025
•Undercover Operation: Crime Branch officers ingeniously posed as a Mumbai-based model/actress on Instagram to trap the notorious gangster. 📸🎭
•Affiliation with… pic.twitter.com/0WwdcMr2kv
इंस्टाग्राम पर बिछाया जाल
कई हफ्तों तक बातचीत करने के बाद पुलिस टीम उसे मिलने के लिए दिल्ली के सफदरजंग एन्क्लेव बुलाने में कामयाब रही. जैसे ही मनोज तय जगह पर पहुंचा, वहां पहले से मौजूद पुलिस टीम ने उसे धर दबोचा. तलाशी लेने पर उसके पास से दो अत्याधुनिक पिस्टल और आठ जिंदा कारतूस बरामद किए गए. इसके बाद आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
गैंगस्टर मनोज का आपराधिक इतिहास
दिल्ली पुलिस के मुताबिक मनोज उर्फ अर्जुन हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले का रहने वाला है. उसका परिवार 90 के दशक में दिल्ली के नांगलोई इलाके में आकर बस गया था. 2005 में उसने अपने दोस्त चमनलाल के साथ मिलकर राहुल नाम के युवक का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी थी. इस मामले में 2013 में उसे उम्रकैद की सजा हुई थी. तिहाड़ जेल में रहते हुए मनोज की दोस्ती कुख्यात गोगी गैंग के सदस्य विक्की रामजनपुर और दीपक टिट्टर से हुई. यही से उसने अपराध की दुनिया में बड़ा नाम बनाने का मन बना लिया.
पैरोल पर बाहर आने के बाद वह गायब हो गया
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक 2014 में मनोज को एक महीने की पैरोल मिली, लेकिन वह जेल नहीं लौटा और फरार हो गया. इसके बाद वह गोगी गैंग का सक्रिय सदस्य बन गया और दिल्ली-हरियाणा में हत्या, लूट और फिरौती की वारदातों को अंजाम देने लगा. 2015 में उसे गिरफ्तार कर फिर जेल भेजा गया, लेकिन 2023 में एक बार फिर तीन हफ्ते की पैरोल पर बाहर आने के बाद वह गायब हो गया. इस दौरान उसने राजस्थान में कार लूट, डकैती और मारपीट की कई वारदातों को अंजाम दिया.
मनोज न सिर्फ कुख्यात गैंगस्टर जितेंद्र गोगी के गिरोह का सदस्य था, बल्कि उसका करीबी सहयोगी दीपक टिट्टर भी कई बड़े अपराधों में शामिल रहा है. टिट्टर ने ही 2023 में तिहाड़ जेल के अंदर कुख्यात अपराधी टिल्लू ताजपुरिया की हत्या की थी.
इन मामलों में था वांछित
मनोज के खिलाफ दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में कई मामले दर्ज थे. जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
• 2005 - नांगलोई थाना क्षेत्र: फिरौती के लिए अपहरण और हत्या
• 2014 - शाहबाद डेयरी थाना: हत्या
• 2015 - नरेला, बेगमपुर, अलीपुर: कार लूट और डकैती
• 2024 - राजस्थान: कई लूट और डकैती की घटनाएं
फिलहाल मनोज की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली क्राइम ब्रांच अन्य फरार अपराधियों की धरपकड़ में जुटी है. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या वह जेल के अंदर बैठे अन्य गैंगस्टरों के लिए काम कर रहा था. दिल्ली क्राइम के डीसीपी ने बताया कि इस ऑपरेशन को एसीपी उमेश बर्थवाल की निगरानी में इंस्पेक्टर राकेश कुमार, एसआई अनुज, एसआई अमित, एचसी रविंदर, एचसी कमल, एचसी नाहांजी और एचसी सुखबीर की टीम ने सफलतापूर्वक अंजाम दिया.
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