Delhi Water Crisis Today: दिल्ली में इन दिनों पानी की किल्लत लोगों के लिए गंभीर समस्या बनी हुई है. दूसरी तरफ यही पानी सियासी दलों के बीच आरोप-प्रत्यारों की वजह भी है. सभी सियासी दलों के नेता दिल्लीवासियों को यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें दिल्ली में चल रहे जल संकट की काफी चिंता है. वे इसे दूर करने का भरसक प्रयास अपनी तरफ से कर रहे हैं. 


इसी कड़ी में उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के नव-निर्वाचित संसद योगेंद्र चंदौलिया और दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा मुनक नहर पहुंचे और वहां जाकर जल-प्रवाह का मुआयना किया. मुनक नहर में पानी के प्रवाह का वीडियो जारी करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली को पर्याप्त पानी मिल रहा है. इसका सबूत मुनक नहर में तेजी से बहता पानी है. 


योगेंद्र चंदौलिया ने आरोप लगाया कि दिल्ली की मंत्री आतिशी बार-बार यह कहकर दिल्ली की जनता को गुमराह कर रही हैं कि हरियाणा सरकार द्वारा पर्याप्त पानी नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मुनक नहर का यह वीडियो जल मंत्री के झूठ का पर्दाफाश कर रहा है.


 'टैंकर माफियाओं से चोरी कराया जा रहा पानी'


बीजेपी एमपी योगेंद्र चंदोलिया ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा जितना पानी दिल्ली को दिया जा रहा है उसे स्टोर करने के लिए दिल्ली सरकार के पास स्टोरेज ही नहीं है. अपनी कमियों को छिपाने के लिए वे हरियाणा सरकार पर इसका ठिकरा फोड़ रही हैं. उन्होंने दिल्ली सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणा से जो पानी दिल्ली के लिए आती है, उसको रास्ते में ही टैंकर माफियाओं के द्वारा चोरी करवाया जा रहा है, जिसका बंदोबस्त भी दिल्ली सरकार द्वारा ही किया गया है. यही वजह है कि दिल्ली में जल संकट पैदा हो गया है और दिल्ली की जनता बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रही है.


'कोर्ट के फटकार का नहीं पड़ा कोई असर'


उन्होंने कहा कि दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा के साथ जाकर उन्होंने दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को इस बारे में तथ्यों के साथ शिकायत की थी और उसी के कारण आज पुलिस बैरिकेट्स लगाकर टैंकर माफियाओं की चोरी पकड़ने के लिए बैठी है. चंदोलिया ने आतिशी से पूछा कि हरियाणा से जो पानी दिल्ली को मिल रहा है, उसमें से कितने लीटर पानी को ट्रीट कर दिल्ली की जनता को देने में केजरीवाल सरकार सक्षम है. आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली का जलबोर्ड एक भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है, इसलिए कोर्ट द्वारा लगातार फटकार के बावजूद दिल्ली सरकार या फिर जलबोर्ड के ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है.


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