दिल्ली सरकार जल संकट को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी. दिल्ली की मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने इसकी जानकारी दी. आतिशी ने कहा कि दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से संकट बना हुआ है. इसका कारण है कि हरियाणा से यमुना में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है. जो नॉर्मल लेवल 374 होना चाहिए वो 370.2 है. दिल्ली सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जा रही है.
दिल्ली की मंत्री ने कहा कि 1916 पर काल कर के दिल्ली वाले वाटर टैंकर मंगा सकते हैं. 5 जून से दिल्ली के सभी 11 वाटर जोन ने ADM स्तर का अधिकारी मौजूद रहेगा. दिल्ली जल बोर्ड 200 टीम बना रही है जो वाटर वेस्टेज को रोकेगी.
आतिशी ने कहा कि कंस्ट्रक्शन साइट पर किसी भी पोर्टेबल वाटर यानी पीने के पानी को इस्तेमाल करते पाई गई तो उस साइट को सील किया जाएगा. कार वाशिंग या रिपेयरिंग सेंटर पर पीने के पानी का वाशिंग में इस्तेमाल होगा तो वहा भी करवाई होगी. दिल्लीवासियों से अपील है की वो सरकार के साथ को-कॉर्डिनेट करे.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वजीराबाद ,चंद्रवाल, और ओखला वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में यमुना का पानी जरूरत की मात्रा से कम है. क्योंकि हरियाणा सरकार यमुना में दिल्ली का पानी नहीं छोड़ रहा है.
आतिशी ने आगे कहा, "हम एक सेंट्रल वॉटर टैंकर का 'वॉर रूम' दिल्ली जल बोर्ड में स्थापित कर रहे हैं। इस वॉर रूम का नेतृत्व एक वरिष्ठ IAS अधिकारी द्वारा किया जाएगा. जो भी दिल्लीवासी पानी का टैंकर चाहते हैं वे 1916 पर कॉल कर सकते हैं. 5 तारीख से दिल्ली के हर वॉटर ज़ोन में एक ADM स्तर और एक SDM स्तर के अफसर को तैनात किया जाएगा। वे त्वरित प्रतिक्रिया टीम बनाएंगे जो पानी की कमी वाले इलाकों में ग्राउंड पर उपलब्ध होगी. हम दिल्ली जल बोर्ड की 200 प्रवर्तन टीमें बना रहे हैं जो पानी की बर्बादी की जांच करेगी."
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