Delhi Water Crisis: दिल्ली विधानसभा में प्रस्ताव पारित, सात दिन के भीतर पानी की समस्या से निपटने का मुख्य सचिव को आदेश
Delhi Water Supply: दिल्ली विधानसभा में पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि, “यहां तक कि जिन शिकायतों का समाधान हो चुका है, उन समस्याओं के दीर्घकालिक समाधान पर काम करने की जरूरत है.”
Delhi Assembly Session: दिल्ली विधानसभा में 14 मार्च को बीजेपी विधायक अभय वर्मा ने पेयजल की समस्या का जिक्र किया था. उन्होंने पानी के मसले पर सरकार को घेरने की भी कोशिश की थी. इसका असर भी दिखा. शुक्रवार को विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया गया. पारित प्रस्ताव में दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेश कुमार को राष्ट्रीय राजधानी में पानी और सीवर की समस्याओं के अल्पकालिक और दीर्घकालिक समाधान की निगरानी रखने का आदेश दिया है.
इसके अलावा, मुख्य सचिव को 22 मार्च को पानी और सीवर के मसले पर दिल्ली विधानसभा में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है, जिसका समाधान हो चुका हो. प्रस्ताव में कहा गया है कि पिछले एक सप्ताह में दिल्ली के निवासियों को कुछ राहत मिली है, लेकिन उनकी शेष शिकायतों को अगले एक सप्ताह के भीतर हल करने की आवश्यकता है.
वाटर क्राइसिस: स्थायी समाधान पर जोर
दिल्ली विधानसभा में पारित प्रस्ताव में कहा गया कि, “यहां तक कि जिन शिकायतों का समाधान हो चुका है, उन समस्याओं के दीर्घकालिक समाधान पर काम करने की जरूरत है.” प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि दिल्ली को पानी की आपूर्ति की कमी का सामना करना पड़ता है. खासकर गर्मियों के दौरान भूजल का उपयोग कर जल संसाधनों की वृद्धि के लिए एक विस्तृत योजना बनाई जाएगी.
आतिशी ने मानी थी ये बात
दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने अभय वर्मा के सवालों के जवाब में कहा था कि, 'दिल्ली जितनी तेजी से आबादी बढ़ रही है, उसकी तुलना में पानी की आपूर्ति कम है. राष्ट्रीय राजधानी के पास अपना कोई सोर्स नहीं है. इस पर हमारी मीटिंग हुई है और मुख्य सचिव ने खुद जिम्मेदारी ली है. '