Delhi Water Scarcity News: राजधानी दिल्ली में उत्पन्न हुए जल संकट को लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी दोनों ही राजनीतिक दल सियासत करते नजर आ रहे हैं. एक तरफ जहां आप की दिल्ली सरकार हरियाणा सरकार पर दोषारोपण कर दिल्ली को उसके हक़ का पानी नहीं देने की बात कर रही है, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के नेता केजरीवाल सरकार और उनके नेताओं पर दिल्ली की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए लगातार आक्रामक रूख अपनाए हुए है.


इसी कड़ी में दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने हरियाणा से दिल्ली को मिल रहे पानी के अधूरे डेटा को लेकर जल मंत्री आतिशी द्वारा हरियाणा सरकार को पत्र लिखने की कड़ी निंदा की.


'पानी की चोरी और लीकेज की बर्बादी को रोकने की बजाय बयानबाजी'


सचदेवा ने कहा है की जल मंत्री आतिशी यूं तो गत कई दिनों से दिल्ली के जल संकट को लेकर हरियाणा पर झूठा दोषारोपण करती रही हैं पर आज उन्होंने आधे-अधूरे आंकड़ों के आधार पर पत्र लिखकर ओछेपन की हर सीमा पार कर दी है. उन्होंने दिल्ली सरकार की जल मंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे पानी की चोरी और लीकेज की बर्बादी को रोकने के बजाय केवल बयानबाजी करती रहती हैं.


'यमुना से उठाए जल के आंकड़ों को छुपा रही सरकार'


दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने 1 जून से 8 जून के बीच के दिल्ली जलबोर्ड के डेटा को सार्वजनिक करते हुऐ कहा कि दिल्ली को हरियाणा से सी.एल.सी. एवं डी.एस.बी. से तो पानी मिल ही रहा है और अगर इन दोनों श्रोतों से कमी होती है तो दिल्ली जल बोर्ड हरियाणा सरकार की सहमति से यमुना नदी से भी पानी उठता है. उन्होने आक्रमक रुख अख्तियार करते हुए कहा कि, जल मंत्री आतिशी ने दिल्ली जल बोर्ड द्वारा सीधे यमुना नदी से उठाए जल के आंकड़ों को छुपा कर कमी दिखाने का प्रयास किया.


उन्होंने कहा कि 1 जून को हरियाणा से 547 एम.जी.डी. जल मिलना था और असल में मिला 607 एम.जी.डी. ऐसे ही 2 जून को  547 एम.जी.डी. के बदले 607 एम.जी.डी. जल,  3 जून को 547 एम.जी.डी. की जगह 613 एम.जी.डी, 4 जून को 547 एम.जी.डी. जल मिलना था और 613 एम.जी.डी, 5 जून को 547 एम.जी.डी. की जगह 613 एम.जी.डी, 6 जून को 547 एम.जी.डी. के बदले 613 एम.जी.डी, 7 जून को 547 एम.जी.डी. जल की जगह 623 एम.जी.डी और 8 जून को 547 एम.जी.डी. के बदले 622 एम.जी.डी. जल दिल्ली को हरियाणा से मिला.


सचदेवा ने आरोप लगाते हुए कहा कि खुद दिल्ली जल बोर्ड के आंकड़ों से यह साफ है कि हरियाणा सरकार से दिल्ली को लगातार पूरा जल मिल रहा है और यदि दिल्ली सरकार को लगता है की कम जल मिल रहा है तो वह पहले दिल्ली जल बोर्ड के दैनिक आंकड़ों को उन्हें झुठलाना होगा.


आखिरकार राजधानी दिल्ली की जनता राजनीतिक झगड़ो के बीच पीसकर रह गयी है, उन्हें इस चिलचिलाती 45 डिग्री पार गर्मी से बचने के लिए सिर्फ पीने का पानी चाहिए जो नही मिल पा रहा है. गिनती के टैंकर आते हैं जिसमें से पानी भर पाना काफी मुश्किल होता है. वही दूसरी ओर मौषम विभाग ने भी आने वाले दिनों में दिल्ली की जनता को आसमान से बरसती गर्मी से राहत मिलने के आसार नही दिख रहे हैं.


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