Delhi News: दिल्ली के करावल नगर विधानसभा की छह से अधिक कॉलोनियों के लोग बीते कई वर्षों से दूषित पेयजल की समस्या से त्रस्त हैं. इलाके में जगह-जगह ड्रेन के गंदे पानी का ओवरफ्लो होने की समस्या भी लंबे अरसे से इस इलाके में आज भी बनी हुई है. इस समस्या के कारण इलाके के लोगों को दूषित पानी से गुजरा करना पड़ रहा है. पेयजल पीने लायक नहीं होने के बावजूद, कई लोग मजबूरी में इस पानी का इस्तेमाल करते हैं. राहत की बात यह है कि जल्दी ही करावल नगर विधानसभा के 20 लाख लोगों को दूषित पेयजल की समस्या से छुटकारा मिलने की उम्मीद है.  इसके लिए अंडरग्राउंड रिलीफ वाटर ड्रेन बनाया जा रहा है.


20 लाख लोगों को मिलेगा फायदा


उत्तर-पूर्वी दिल्ली के खजूरी चौक से यूपी बॉर्डर तक 8 करोड़ रुपए की लागत से 4 किलोमीटर लंबा अंडरग्राउंड रिलीफ वाटर ड्रेन बनाया जा रहा है. साथ ही वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए दूषित पानी को साफ कर यमुना नदी में छोड़ा जाएगा. NHAI ने इस परियोजना पर काम शुरू कर दिया है और अगले 2 महीने में इसके पूरा हो जाने की संभावना जताई जा रही है. इससे करावल नगर विधानसभा की 6 से अधिक कॉलोनियां के लगभग 20 लाख लोगों को इसका फायदा मिलेगा.


कई जगहों पर ड्रेन हो रहा ओवरफ्लो


दरअसल, उत्तर प्रदेश के लोनी बॉर्डर की चमन विहार कॉलोनी से यह ड्रेन दिल्ली के सभापुर ढलान में प्रवेश करता है. अभी यह दिल्ली पुलिस एकेडमी, सीआरपीएफ कैंप, चमन विहार, सभापुर गांव, चौहान पट्टी गांव, सोनिया विहार, श्रीराम कॉलोनी होते हुए ड्रेन का पानी सिग्नेचर ब्रिज के पास यमुना नदी में गिरता है. इस कारण यमुना नदी प्रदूषित हो रही है. जल बोर्ड के एक अधिकारियों ने बताया कि यूपी के ट्रोनिका सिटी में चल रहे उद्योगों का पानी भी इस नाले में आता है. इसके अलावा, अवैध कॉलोनियां काटी भी गई हैं. इसी कारण क्षमता से अधिक पानी के दबाव से कई जगह पर यह ड्रेन ओवरफ्लो हो रहा है और इससे पीने का पानी दूषित हो गया है.


दूषित पानी से कईयों की गई जान


सभापुर गांव के लोगों ने बताया कि यह ड्रेन 1984 में बना था. उसके बाद से वर्ष 2000 तक तो सब कुछ ठीक रहा, लेकिन जैसे-जैसे कृषि भूमि पर प्लॉट काट कर लोग बसते गए तो उसके बाद पहले बरसात के दिनों में और बाद में कई जगहों पर बिना बरसात के भी ड्रेन ओवरफ्लो होने लगा. ड्रेन के गंदे पानी की वजह से भूजल दूषित होने लगा. जिसके कारण अब तक दर्जनों लोग बीमार होकर जान गंवा चुके हैं. सभापुर गांव के निवासियों ने बताया कि दूषित पानी पीने से उनके गांव में कई लोगों को पेट में कैंसर हो गया है.


अब गंदे पानी को ट्रीट कर छोड़ा जाएगा यमुना में


साल 2022 में सांसद मनोज तिवारी ने इस मामले को लोकसभा में उठाया था. इसके बाद शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने NHAI को इस ड्रेन को अंडरग्राउंड करने का आदेश दिया था. केंद्र सरकार के सहयोग से अब यह काम शुरू हो गया है. NHAI के प्रॉजेक्ट मैनेजर पुनीत खन्ना ने बताया की 2 महीने की समय सीमा इसके लिए तय की गई है और उसके भीतर इस काम को पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि सोनिया विहार वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में इस ड्रेन के गंदे पानी को पहले ट्रीट किया जाएगा और सिग्नेचर ब्रिज के पास साफ पानी को यमुना नदी में छोड़ा जाएगा.


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