Delhi News: दशहरा और दिवाली का त्योहार सामने है. दशहरा (Dussehra) में जहां रावण,(Ravan) के दौरान अमूमन पटाखों का इस्तेमाल होता है तो वहीं दिवाली (Diwali) में भी लोग पटाखे जलाकर त्योहार का जश्न मनाते हैं. उधर, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में प्रदूषण के मद्देनजर पटाखों की बिक्री पर रोक लगी हुई है. हालांकि बावजूद इसके राजधानी में रावण दहन के दौरान पटाखों का इस्तेमाल होता देखा गया है तो क्या कारीगर पुतले में पटाखे लगाकर ग्राहकों को देते हैं? जानिए इस पर क्या कहते हैं कारीगार...


दिल्ली में पुतला बनाने वाले कारीगर का कहना है कि वे कभी भी पुतले में पटाखे नहीं लगाते बल्कि लोग कहीं न कहीं से खुद पटाखे की व्यवस्था कर लेते हैं. समाचार एजेंसी एएनआई ने ऐसे ही एक कारीगर सोनू से बात की. उन्होंने कहा, ''हम केवल पुतले बनाते हैं जो ग्राहक लेकर जाते हैं, वे पटाखों की व्यवस्था कहीं न कहीं से कर लेते हैं.बहुत से लोग बिना पटाखों के भी जलाते हैं. हमारा काम केवल रावण का पुतला बनाना है. हम केवल रावण देते हैं यह उनके हाथ में है कि वे उसमें क्या डालते हैं.''


अब तक कितने पुतलों के ऑर्डर मिले हैं? सोनू बताते हैं कि ''हमने कुल 50 पुतले बनाए हैं जिनकी अभी डिलीवरी नहीं हुई है. हम केवल 50 फुट तक पुतले बनाते हैं. इसे ही बनाने में काफी वक्त लग जाता है. हम दो महीने से दिन-रात काम कर रहे हैं. हम चार लोग मिलकर पुतला बना रहे हैं.''



शास्त्री पार्क इलाके में पटाखे से बच्चे की आंख की रोशनी गई
बता दें कि दिल्ली में पटाखों की बिक्री पर रोक के बावजूद भी लोग कहीं न कहीं से अवैध रूप से इसका इंतजाम कर ही लेते हैं. इस दौरान पटाखों से दुर्घटना होने की खबर भी सामने आ रही है. ऐसे ही एक घटना शास्त्री पार्क इलाके में हुई जहां पटाखे से एक बच्चे की आंख की रोशनी चली गई.पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है. पुलिस अब तक उस व्यक्ति का पता नहीं लगा पाई है जिसने वहां पटाखा फोड़ा था.


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