Delhi Weather Report: दिल्ली (Delhi) में अप्रैल और मई महीने की शुरुआत में भीषण गर्मी पड़ी और कई दिनों तक 'लू' चली. अब शुक्रवार को भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में आधिकारिक तौर पर मार्च से मई तक केवल 13 दिन 'हीट वेव' दर्ज गई. मौसम विभाग के एक विज्ञानी ने बताया कि सफदरजंग वेधशाला (Safdarjung Observatory) के रिकॉर्ड के अनुसार मार्च में 0, अप्रैल में 9 और मई में 4 दिन हीट वेव चली. उन्होंने कहा कि उम्मीदों के विपरीत मई के पहले 10 दिनों में संख्या कम हो गई थी और आखिरी 10 दिनों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण हीट वेव की स्थिति नहीं बनी.


आईएमडी के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में मई महीने के पहले 10 दिनों में हल्की से मध्यम बारिश और 21 मई के बाद अपेक्षाकृत अधिक बारिश हुई. वहीं पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में भारी से बहुत भारी बारिश हुई, जिसका उत्तर पश्चिम भारतीय के तापमान पर सीधा प्रभाव पड़ा. दिल्ली-एनसीआर और उत्तर-पश्चिम भारत के लगभग सभी क्षेत्रों में 25 फरवरी की बारिश के बाद 11 मई से दिल्ली में गरज के साथ मध्यम बारिश होने तक कम से कम पांच बार हीट वेव का अनुभव हुआ था.


सफदरजंग को माना जाता है दिल्ली का बेस स्टेशन


अब सवाल यह है कि जब दिल्ली के स्टेशनों पर कई दिनों तक पार ऊपर चला गया, तो क्या दिल्ली में आधिकारिक तौर पर केवल 13 दिन ही भीषण गर्मी रही? सफदरजंग को दिल्ली का बेस स्टेशन माना जाता है, जबकि आईएमडी दिल्ली-एनसीआर में लगभग एक दर्जन स्टेशनों के लिए मौसम संबंधी निगरानी करता है. 'हीट वेव' या 'गंभीर हीट वेव' घोषित करने के लिए आईएमडी की कसौटी तब भी मायने रखती है, जब उन दिनों की वास्तविक संख्या की गणना की जाती है, जिनमें हीट वेव/गंभीर हीट वेव की स्थिति देखी गई थी.


कब घोषित होता है हीट वेव?


सबसे महत्वपूर्ण यह है कि यदि कोई स्टेशन 45 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक अधिकतम तापमान दर्ज करता है या कोई स्टेशन जो अधिकतम तापमान रिकॉर्ड करता है, जो उस दिन के सामान्य तापमान से प्लस 4.5 से 6.4 डिग्री सेल्सियस के स्तर को दर्शाता है, तो इसे हीट वेव कहा जाता है. गंभीर गर्मी की लहर की स्थिति के लिए अधिकतम तापमान 47 डिग्री या उससे अधिक होना चाहिए या सामान्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस से अधिक होना चाहिए (तब भी जब वास्तविक तापमान 45 डिग्री सेल्सियस को छू भी सकता है और नहीं भी). अधिकतम तापमान मैदानी इलाकों के लिए कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस, पहाड़ियों के लिए 30 डिग्री सेल्सियस और तटीय क्षेत्रों के लिए 37 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए.


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